Gulzar Poetry in Hindi – गुलज़ार की कविताएँ, शायरी, कोट्स
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायतें जो बयां नहीं होती ।
वक्त रहता नहीं कहीं भी टिक कर,
आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं ।
बेहिसाब हसरतें ना पालिये,
जो मिला है उसे सम्भालिये ।
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती है ।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
अच्छी किताबें और अच्छे लोग, तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढ़ना पड़ता है।
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
शोर की तो उम्र होती हैं,
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
सीने में धड़कता जो हिस्सा है,
उसी का तो ये सारा किस्सा है ।
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
तुम एक बार खैरियत पूछकर तो देखो ।
गुलज़ार Hindi quotes
कुछ जख्मों की उम्र नहीं होती है,
ताउम्र साथ चलते हैं, जिस्मों के ख़ाक होने तक।
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी है ।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती,
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता है, जीना ही छोड़ देता है।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं, ना पास रहने से जुड़ जाते हैं।
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं, जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।
Gulzar Poetry in Hindi
पानी से तस्वीर कहाँ बनती है,
ख्वाबों से तकदीर कहाँ बनती है,
किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर वापस कहाँ मिलती है
कौन किस से चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस इतना जानते है,
हर रिश्ता “मोती”और हर दोस्त “कोहिनूर” होता है।