इरादा शायरी, इरादे स्टेटस,
मुश्किल इस दुनिया में कुछ भी नहीं;
फिर भी लोग अपने इरादे तोड़ देते हैं;
अगर सच्चे दिल से हो चाहत कुछ पाने की;
तो रास्ते के पत्थर भी अपनी जगह छोड़ देते हैं।
जब इरादा कर लिया ऊँची उड़ान का,
फिर कद क्या देखना आसमान का ।
जिनके पास इरादे होते हैं
उनके पास बहाने नहीं होते ।
अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो, इरादे नही ।
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं
अपने इरादों को,
उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी
कोरे नहीं हुआ करते ।
किस्मत के लिखे पर कभी ग़म ना कर,
तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ कि
रब के इरादे समझ सकें।
इरादे मेरे साफ़ होते हैं इसीलिए,
लोग अक्सर मेरे ख़िलाफ़ होते हैं ।
आसमान को धरती पर उतारा जा सकता है
जब हौसला और इरादों का मिलाप होता है ।
पर ही कतर सकता है, कोई किसी परिंदे के
इरादे भी कतर दे, इतनी धार कहाँ किसी में ।
बुझी शमा भी जल सकती है
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है
होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है ।
अभी न पूछो हमसे मंजिल कहाँ है
अभी तो हमने चलने का इरादा किया है ।
न हारे हैं, न हारेंगे कभी
यह किसी और से नहीं खुद से वादा किया है ।
जीतूँगा मैं, यह खुद से वादा करो
जितना सोचते हो, कोशिश उससे ज़्यादा करो
तकदीर भी रूठे पर हिम्मत न टूटे
मजबूत इतना अपना इरादा करो ।
इरादा शायरी और पढ़ें – मंजिल पर पहुँचना हो तो ..!
जिद है मेरी वही आशियाँ बसाने की
बारिश में इरादों से आग जलाने की
हर कोई सिकंदर नहीं होता
लोग करते है चर्चा उसके अफ़साने की ।
जिसकी सोच में खुद्दारी की महक है,
जिसके इरादों में हौसले की मिठास है, और
जिसकी नियत में सच्चाई का स्वाद है,
उसकी पूरी जिन्दगी महकता हुआ गुलाब है।
कोई वादा न कर कोई इरादा न कर
ख्वाईशों में खुद को आधा न कर
ये देगी उतना ही जितना लिख दिया खुदा ने,
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर ।
जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नहीं करता,
मैं बाते अपनी औकात से, ज़्यादा नहीं करता
भले ही तमन्ना रखता हूँ, आसमान छू लेने की
लेकिन औरों को गिराने का इरादा नहीं रखता ।
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