खामोशी सुविचार हिंदी शायरी
खामोशी का अपना अलग ही मजा है,
पेड़ों की जड़ें, फड़फड़ाया नही करती ।
शोर की तो एक उम्र होती है
लेकिन खामोशी सदाबहार है
कौन कहता है तन्हाइयाँ अच्छी नहीं होती
ये खुद से मिलने का हसीं मौका देती हैं ।
अंदाज से न नापिए, किसी की हस्ती को
ठहरे हुये दरिया, अक्सर गहरे होते हैं ।
ख़ामोशी की तह में छुपा लो सारी उलझनें,
शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करते है ।
खामोशी छुपाती है, ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा, गुफ्तगू से होता है ।
जो आपकी ख़ामोशी से आपकी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सके
उसके सामने तकलीफ का जुबाँ से इज़हार करना सिर्फ लफ़्ज़ों को जाया करना है।
समझने वाले तो खामोशी भी समझ लेते हैं
न समझने वाले जज्बातों का भी मज़ाक बना देते हैं ।
उसे लगता है कि मुझे उसकी चालाकियॉं समझ नहीं आती
मैं बड़ी ख़ामोशी से देखता हूँ उसे अपनी नजरों से गिरते हुए ।
हर बात ख़ामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराजगी का ।
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बोलने का हक़ छीना जा सकता है,
मगर खामोशी का कभी नहीं ।
खामोशी का मतलब लिहाज़ भी होता है,
पर कुछ लोग इसे कमजोरी समझ लेते हैं ।
चुप थे तो ज़िंदगी चल रही थी लाजवाब
खामोशियाँ बोलने लगी तो हो गया बबाल ।
उस जगह पर खामोश रहना, जहाँ दो कौड़ी के लोग
अपनी हैसियत के गुण गाते हैं ।
खामोशी पर मत जाओ साहब,
राख़ के नीचे अक्सर, आग दबी होती है ।
जो बातें अनकही रह जाती हैं
वही अक्सर तन्हाइयों में बातें करती हैं ।
हजार जवाबों से अच्छी है खामोशी,
ना जाने कितने सवालों की आबरू रखती है ।
रुतबा तो ‘खामोशियों’ का होता है,
अल्फ़ाज’ का क्या, वो तो मुकर जाते हैं, हालात देखकर ।
दस्तक और आवाज कानों के लिए है
जो रूह को सुनाई दे, उसे खामोशी कहते हैं ।
कौन कहता है खामोशियॉं खामोश होती हैं,
खामोशियों को खामोशी से सुनो;
क्या पता खामोशी वो कह दे;
जिसकी लफ्जों में तलाश हो ।
खामोशियॉं बेवजह नहीं होती
कुछ दर्द आवाज छीन लिया करते हैं ।
खामोशी हल नहीं है, मसलों का
गुफ्तगू हर दरवाजे खोल देती है ।
अलग अलग रंग में दिखती, नए नए ढंग में मिलती है ।
कभी दूर,कभी पास लाती, अपनों के रूठ जाने का भी अहसास कराती है ।
कभी ख्वाबों में जीना सिखाती, कभी ग़मों को पीना बताती है ।
तन्हाइयों में आशियाना बनाती, कभी भीड़ में भी विराना जताती है ।
कभी निगाहों से बोलती, कभी अपने दिल को टटोलती है ।
हर बेपरवाही सह जाती, चुप रह कर भी बहुत कुछ कह जाती है ।
अज़ीब है खामोशियाँ कमाल है खामोशियाँ ।
है कहीं ज़वाब तो कहीं सवाल है खामोशियाँ ।
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