ताकत पर सुविचार
ताकत के साथ
नेक इरादे भी होना बहुत जरूरी है,
वरना सोचो ऐसा क्या था जो रावण हार गया।
ताक़त की जरुरत तभी पड़ती है
जब किसी का बुरा करना हो,
वर्ना दुनिया में सब कुछ पाने के लिए प्रेम ही काफी है ।
कानून की जरूरत बुरे लोगों के लिए है,
क्योंकि सभ्य लोग तो शर्म से ही मर जाते हैं ।
अपनी ताकत के साथ लड़ो;
अन्य की कमजोरियों के साथ नहीं;
क्योंकि;
सच्ची सफलता खुद के प्रयासों में निहित है;
अन्य की हार में नहीं ।
अपनी ताकत पर लोग,
इतना क्यों इतराते हैं,
दरवाजे तो उनके भी टूटते हैं,
जो ताले बनाते हैं ।
जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है
और ना ही दुश्मन,
वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार
से बनते हैं।
हर किसी की अपनी अहमियत
अपनी ताकत और
अपनी कमजोरी होती है ।
मछली जंगल में दौड़ नहीं सकती है,
और शेर पानी में राजा नहीं बन सकता है ।
अत: किसी को छोटा और कमजोर
समझने की भूल न करें ।
ताकत आवाज़ में नहीं विचारों में रखो,
क्योंकि फसल बारिश में होती है, बाढ़ में नहीं।
यदि आपको अपने आप पर
विश्वास है तो दुनिया की कोई भी ताकत
आपको सफल होने से नहीं रोक सकती।
जो दर्द आप आज सहन कर रहे हो
वही कल आपकी ताकत बनेगा ।
क्रोध आने पर चिल्लाने के लिये
ताकत नहीं चाहिए मगर क्रोध आने पर
चुप रहने के लिए बहुत ताकत चाहिए ।
जो लोग अपनी सोच बदल लेते हैं,
वो लोग ही दुनिया बदलने की ताकत रखते हैं।
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