मन पर अनमोल विचार – Motivational quotes suvichar in Hindi
मन बड़ा चमत्कारी
शब्द है ।
मन के आगे ‘न’ लगाने पर यह
‘नमन’ हो जाता है और
पीछे ‘न’ लगाने पर
‘मनन ’ हो जाता है
जीवन में ‘नमन’ और ‘मनन ’ करते चलिये
समस्याओं का ‘शमन’ अपने आप होता रहेगा ।
जब तक मन
कैकई न हो
तब तक कोई मंथरा
कान नहीं भर सकती है।
मन भर के जियो
मन में भर के मत जियो ।
मैदान में हारा हुआ
फिर से जीत सकता है,
परंतु मन से हारा हुआ
कभी जीत नहीं सकता।
आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेष्ठ पूँजी है।
मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत,
जो भी परिस्थितियाँ मिलें,
काँटे चुभें कलियाँ खिले,.
हारे नहीं इंसान,
जीवन की यही है रीत।
धन से नही
मन से अमीर बने
क्योंकि मंदिरों में स्वर्ण कलश भले लगे हो
लेकिन
नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियों पर ही होना पड़ता है।
आधी अधूरी बातें मन पर बोझ होती हैं,
किसी से कह दिया करें, किसी की सुन लिया करें ।
दुनिया में ऐसी कोई मुसीबत नहीं
जो आपके मन से ज्यादा शक्तिशाली हो ।
खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।
जिसका मन “मस्त” है उसके पास “समस्त” है।
मन और मकान को;
वक्त-वक्त पर साफ करना
बहुत जरूरी है,
क्योंकि
मकान में बेमतलब सामान
और मन में बेमतलब
गलतफहमियाँ भर जाती हैं ।
जो लोग मन में उतरते हैं
उन्हें संभाल कर रखिए और
जो मन से उतरते हैं
उनसे संभल कर रहिए ।
मन का झुकना बहुत जरूरी है,
केवल सर झुकाने से..
परमात्मा नही मिलते ।
जब किसी में
गुण दिखाई दे तो
मन को कैमरा बना लीजिये और
जब किसी में अवगुण दिखाई दे तो
मन को आईना बना लीजिये।
मन पर लिखे गए कुछ दोहे
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥ कबीर
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥ कबीर
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय ।
यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोय ॥ कबीर
जैसा भोजन खाइये, तैसा ही मन होय ।
जैसा पानी पीजिये, तैसी वाणी होय ।। कबीर
चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह।
जिनको कछु न चाहिए, वे साहन के साह॥ रहीम
रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय।
सुनि इठलैहैं लोग सब, बांटि न लैहै कोय॥ रहीम
तन पर सौ सौ बंदिशें, मन को लगी न रोक ।
तन की दो गज कोठरी, मन के तीनों लोक ।।
सब दुःख दूर होने के
बाद मन प्रसन्न रहेगा
ये केवल भ्रम है !
मन प्रसन्न रखने से
सब दुःख दूर हो जायेंगे
यह सच्चाई है ।
कुछ कर गुजरने के लिए,
मौसम नहीं मन चाहिए,
साधन सभी जुट जायेंगे,
बस संकल्प का धन चाहिए ।
मन पर अनमोल विचार
मन के अनुकूल हो तो
हरि कृपा और
मन के विपरीत हो तो
हरि इच्छा
इस तथ्य को धारण कर लें तो
जीवन में आनंद ही आनंद है।
मन की शान्ति सबसे बड़ा धन है।
झाँक रहे हैं इधर उधर सब।
अपने अंदर झाँके कौन?
ढ़ूंढ़ रहे दुनिया में कमियाँ।
अपने मन में ताके कौन?
सबके भीतर दर्द छुपा है।
उसको अब ललकारे कौन?
दुनिया सुधरे सब चिल्लाते।
खुद को आज सुधारे कौन?
विचारों का अनुलोम विलोम कीजिये।
बुरे विचार बाहर
भले विचार भीतर
मन को पद्मासन में बिठाइए
तन को वज्रासन में रखिये
दिमाग को सूर्यासन कराइये
होठों को मुस्कुरासन
जीवन एक योग है
गुणा भाग में न पड़िये
योग करिये निरोग रहिये।