स्वामी विवेकानंद के विचार
- पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और फिर
उसे स्वीकार कर लिया जाता है।
- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और
बाकी सब कुछ भूल जाओ। - प्रसन्नता अनमोल खजाना है छोटी -छोटी बातों पर उसे लुटने न दे।
- संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असम्भव से आगे निकल जाना।
- स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद अगर मैं स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ तो
दूसरों में थोड़ी बहुत कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हूँ। - पवित्रता, धैर्य तथा प्रयत्न के द्वारा सारी बाधायें दूर हो जाती हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि
सभी महान कार्य धीरे-धीरे होते हैं ।
स्वामी विवेकानंद के विचार – जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता
- जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है, जिसने
जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंज़िल मिलती है। - जितना बड़ा संघर्ष उतनी बड़ी जीत। मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान है,
जब वो केंद्रित होती हैं, चमक उठती हैं ।
स्वामी विवेकानंद के विचार – एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान
- पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान । ध्यान से ही हम
इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं । - जब तक जीना, तब तक सीखना, क्योंकि अनुभव सबसे बड़ा गुरु होता है ।
- ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है ।
- उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते ।
- लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो,
तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो ।
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