सोच पर अनमोल सुविचार
सोच को अपनी ले जाओ शिखर तक
कि उसके आगे सारे सितारे झुक जाएँ
न बनाओ अपने सफ़र को किसी कश्ती का मोहताज
चलो इस शान से कि तूफ़ान भी झुक जाये ।
ज़िंदगी को कभी आज़मा तो सही
एक सपना पलक पर सजा तो सही
पाँव ऊँचाइयों के शिखर छू सकें
सोच को पंख अपने लगा तो सही ।
सोच को सकारात्मक बनायें
ये सोच है हम इन्सानों की,
कि एक अकेला क्या कर सकता है;
पर देख ज़रा उस सूरज को,
वो अकेला ही तो चमकता है ।
जब सोच में मोच आती है
तो हर रिश्ते में खरोंच आती है ।
सोच का प्रभाव मन पर होता है
मन का प्रभाव तन पर होता है
तन और मन का प्रभाव सारे जीवन पर होता है
इसलिए सदा अच्छा सोचे
खुश रहें, हँसते मुस्कुराते रहें ।
सकारात्मक सोच का जादू
कोई नामुमकिन सी बात को;
मुमकिन करके दिखा ।
खुद पहचान लेगा ज़माना;
भीड़ में तू अलग चल कर दिखा ।
आप वह सब कर सकते हो,
जो आप सोच सकते हो
तो आप वह चीजें सोच सकते हो,
जो आपने आज तक नहीं सोचा ।
जिस दिन आप अपनी
सोच को बड़ा कर लेंगे,
उसी दिन से बड़े-बड़े लोग
आपके बारे में सोचना शुरू कर देंगे।
पैर की मोच और छोटी सोच,
हमें आगे बढ़ने नहीं देती ।
टूटी कलम और औरों से जलन,
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती ।
काम का आलस और पैसों का लालच,
हमें महान बनने नहीं देता ।
अपना मजहब ऊँचा और गैरों का ओछा,
ये सोच हमें इंसान बनने नहीं देती ।
जीत और हार दोनों आपकी सोच पर निर्भर होते हैं।
मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत।
सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे;
नज़र को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे;
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं;
दिशाओं को बदलो किनारे बदल जायेंगे।
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