अनमोल वचन

जमाना खराब है

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ज़माने पर शायरी, जमाना स्टेटस

जमाना खराब है
जरा संभल कर मिला कीजिए लोगों से
मुस्कुराहट का शिकार करने यहाँ
महफिल लगा करती है लोगों की ।

बदल गया है जमाना
पहले लोग माँ के पैर छूकर
बाहर निकलते थे
आज बैटरी फुल करके
बाहर निकलते हैं ।

परवाह नहीं चाहे जमाना
कितना भी खिलाफ हो,
चलूँगा उसी राह पर
जो सीधी और साफ हो।

रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर ज़माना
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना ।

पहले मैं होशियार था, इसलिए दुनिया बदलने चला था ।
आज मैं समझदार हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ ।

दुनिया वो किताब है साहब
जिसे कभी पढ़ नहीं सकते
और जमाना वह शिक्षक है
जो सब कुछ सिखा देता है ।

तू छोड़ दे कोशिशें;
इन्सानों को पहचानने की !
यहाँ जरुरतों के हिसाब से;
सब बदलते नकाब हैं !
अपने गुनाहों पर;
सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है;
जमाना खराब है ।

एक उम्र से तराश रहा हूँ खुद को,
कि हो जाऊँ लोगों के मुताबिक,
पर हर रोज ये जमाना मुझमें,
एक नया ऐब निकाल लेता है।

जमाना कल भी ‘खराब’ था और आज भी है.
द्रोपदी का चीर-हरण करने वाले को भूल गए लोग पर.,
जिसने सीता को हाथ भी नही लगाया.,
वो आज तक जल रहा है ।

ज़िन्दगी की हकीकत को
बस इतना ही जाना है !.
दर्द में अकेले हैं और
खुशियों में सारा जमाना है।

कभी किसी के लिए
खुद को मत बदलो
जमाना खराब है
लोग आपको बदल कर
लोग खुद बदल जायेंगे ।

जो पर्वतों से टकराते हैं
तूफान होते हैं।
जो तूफानों से टकराते हैं।
वो इंसान होते हैं।
सुना है अक्सर बदल देता है
जमाना इन्सान को।
परन्तु मर्द वो होते हैं,
जो बदल देते हैं जमाने को।

जमाना बदल गया शायरी और पढ़ें – जिन्दगी न मुस्कराई 

क्या लूटेगा जमाना
खुशियों को हमारी,
हम तो खुद अपनी खुशियाँ
दूसरो पर लुटाकर जीते है 

चाहतें
मेमने से भी भोली हैं,
पर जमाना
कसाई से भी ज़ालिम है।

चाह तो मेरी भी है
जमाने के साथ चलने की
पर लोग ही कहते हैं कि
जमाना खराब है ।

आता है याद मुझको, गुज़रा हुआ ज़माना,
वो बाग़ की बहारें, वो सबका चहचहाना,
आज़ादियाँ कहाँ वो, अब अपने घोसले की
अपनी ख़ुशी से आना अपनी ख़ुशी से जाना।

क्यों फिक्र करता है ऐ दोस्त 
अंधेरा है तो उजाला भी होगा
एक दिन साथ तेरे, यह जमाना भी होगा।

रोज तारीख बदलती है, रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है, रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस इसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है !

ज़माने पर शायरी और देखें –

वक्त बदलता है शायरी

यदि आप सही हैं

ज़िन्दगी एक संघर्ष है

करेगा जमाना भी हमारी कदर एक दिन

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