ईश्वर भक्ति शायरी, भगवान पर विश्वास शायरी, Ishwar Bhakti Shayari,
जो कुछ भी मैंने खोया, वो मेरी नादानी है
और जो कुछ भी मैंने पाया, वो रब की मेहरबानी है।
तलाश न कर मुझे जमीन ओ आसमान की गर्दिशों में
अगर मैं तेरे दिल में नहीं हूँ, तो कहीं पर भी नहीं हूँ।
भगवान कहते हैं कि हर बार सँभाल लूँगा, गिरो तुम चाहे जितनी बार
बस गुजारिश एक ही है, कभी मेरी नज़रों से न गिरना ।
कमाल का ताना दिया, आज मंदिर में भगवान ने,
मांगने ही आते हो, कभी मिलने भी आया करो।
बस अपनी जरुरतों का भगवान तलाश लेता हूँ
गरीबी में भोले और रईशी में कान्हा को टटोल लेता हूँ ।
कुछ नेकियाँ ऐसी भी होनी चाहिए,
जिनका प्रभु के सिवा कोई गवाह ना हो।
माता पिता से बढ़कर जग में मेरा कोई भगवान नहीं,
चुका पाऊँ जो उनका ऋण इतना मैं धनवान नहीं।
तुझे चाहने के तुझे पाने के सबके अपने तरीके हैं
तू मिलता सिर्फ उन्हीं को है, जिसको तुझे पाने के तरीके हैं ।
न माँग कुछ जमाने से, ये देकर फिर सुनाते हैं
किया एहसान जो एक बार, वो लाख बार जताते हैं
है जिनके पास कुछ दौलत, समझते हैं खुदा हैं हम
तू माँग अपने प्रभु से, जहाँ माँगने वो भी जाते हैं ।
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