चाणक्य नीति (Chanakya niti) – आचार्य चाणक्य ने न केवल राजनीति पर अपितु सफल जीवन जीने के लिए कुछ सूत्र दिए हैं, सरल शब्दों में जीवनोपयोगी प्रासांगिक कुछ कथन आपके लिए यहाँ उल्लेख किए जा रहे हैं –
आचार्य चाणक्य कहते हैं –
अपने रहस्यों को उजागर मत करो
यह आदत स्वयं के लिए घातक होगी ।
चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति को कभी अपने मन का भेद
नहीं खोलना चाहिए। उसे जो भी कार्य
करना है, उसे अपने मन में रखे और
पूरी तन्मयता के साथ समय आने पर उसे
पूरा करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य का कथन है –
कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी
ज़्यादा खतरनाक होती है
क्योंकि वह उस समय वार करता है
जब हम कल्पना ही नहीं कर सकते हैं ।
दूसरों की गलतियों से सीखो
अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को
तुम्हारी आयु कम पड़ेगी ।
चाणक्य नीति (chanakya niti) के अनुसार –
व्यक्ति को सीधा नहीं होना चाहिए
क्योंकि जंगल में सीधे वृक्षों को
काटने में कठिनाई नहीं होती
उन्हें ही सबसे पहले काटा जाता है।
जब तक तुम प्रतिस्पर्धा में
दौड़ने का साहस नहीं करोगे
प्रतिस्पर्धा में जीतना सदैव
असंभव बना रहेगा ।
चाणक्य नीति में आचार्य कहते हैं –
जो तुम्हारी बात को सुनते हुए
इधर-उधर देखे उस आदमी पर
कभी भी विश्वास न करे ।
डर को नजदीक न आने दो
अगर यह नजदीक आ जाए तो
इस पर हमला कर दो ।
कोई भी शिक्षक कभी
साधारण नही होता प्रलय और निर्माण
उसकी गोद मे पलते हैं ।
चाणक्य नीति (chanakya niti) के अनुसार –
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नही,
संतोष जैसा कोई सुख नही,
लोभ जैसी कोई बीमारी नही और
दया जैसा कोई पुण्य नही है ।
कोई भी व्यक्ति ऊँचे स्थान पर बैठकर
ऊँचा नहीं हो जाता बल्कि
अपने गुणों से ऊँचा होता है ।
यह एक कड़वी सच्चाई है कि
प्रत्येक मित्रता के पीछे स्वार्थ छुपा होता है।
भाग्य उनका साथ देता है जो
कठिन परिस्थितयों का सामना करके भी
अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं ।
जो व्यक्ति शक्ति न होने पर मन से
हार नहीं मानता उसे संसार की कोई भी ताकत
परास्त नहीं कर सकता है ।