सुविचार

सादगी पर सुविचार

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सादगी पर सुविचार, सादगी पर शायरी, सरलता पर सुविचार

सादगी सुविचार

यदि तुम्हें लगता है कि सादगी में रहने से
दुनिया तुम्हारा मज़ाक उड़ाएगी, तो
किसने कहा है कि तुम उनकी बातों पर ध्यान दो,
लोग तो आलोचना उनकी भी करते हैं जो दुनिया में बड़े शान से रहते हैं ।

संतुलित दिमाग के जैसी कोई सादगी नहीं हैं,
संतोष के जैसा कोई सुख नहीं हैं,
लोभ के जैसी कोई बीमारी नहीं हैं और
दया के जैसा कोई पुण्य नहीं है। 

सादगी पर सुविचार

सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है,
जबकि सादगी दिलों को छू जाती है ।

सम्पन्नता पैसे से भले आती हो, लेकिन सम्पन्नता बनी रहती है,
व्यक्ति के सादगी के कारण।

जिंदगी की कुछ खास बातों को आप सादगी में रह कर ही जान सकते हैं,
और उन्हीं बातों से आप अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं ।

दिखावा ओछेपन की और सादगी ऊँचेपन की निशानी है।

कभी किसी की सादगी का मज़ाक ना उड़ाना,
सादगी में रहने वाले ज्यादातर लोग दिल के सच्चे होते हैं ।

Simplicity thoughts in Hindi – सरलता पर सुविचार

सरल रहो ताकि
सब आप से मिल सकें ।
तरल रहो ताकि
आप सब में घुल सको ।

सादगी वो नही जो सिर्फ गरीबी में दिखाई दे,
बल्कि सादगी तो उन लोगो की होती है,
जो अमीर भले कितने हो जाएँ
पर उनकी सादगी हमेशा बरकरार रहती है ।

गरीबी में रहो या अमीरी में पर
अपनी सादगी को कभी न छोड़ना,
वरना आपकी गिनती भी उन्हीं में होगी
जो पैसा आते ही अपनी चाल बदल लेते हैं ।

जिस तरह सादगी की सुंदरता हर कोई नही समझता,
वैसे ही जिंदगी को जीने का सही तरीका हर कोई नहीं जानता ।

जो लोग सादगी में रहते है वो लोगो की बुरी बातों का भी नकारात्मक अर्थ नही निकालते,
बल्कि सकारात्मकता से अपने जीवन में लागू करते हैं और यही बात उनको सबसे बेहतर बनाती है ।

सादगी पसंद लोग तो कुछ दिन महल में भी गुज़ार सकते हैं,
पर ऐश में रहने वाले, सादगी में चंद लम्हे भी नहीं गुज़ार पाएंगे ।

सादगी शायरी

सादगी पर सुविचार

सादगी अगर हो लफ्जों में,
यकीन मानो, इज्जत ” बेपनाह,” और
दोस्त ” बेमिसाल ” मिल ही जाते हैं ।

सलीका सादगी, सब आज़मा कर ये समझ आया,
बहुत नुकसान होता है, अदब से पेश आने पर।

चेहरे बदल-बदल कर मिलते हैं लोग मुझसे,
इतना बुरा सुलूक क्यों मेरी सादगी के साथ ।

नजरें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक,
शराफत तो तब झलकती है जब नीयत साफ़ हो।

बड़ी सादगी पंसद होती है परेशानियाँ
चुपचाप चली आती हैं,
खुशियों के लिए तो महफिल लगानी पड़ती है ।

ये मिलावटी रिश्तों का दौर है साहब,
यहाँ नफरतों से इल्जाम भी सादगी के लिबास में लगाए जाते हैं ।

सादगी पर सुविचार और पढ़ें –

मुलाकात हो न हो बात होनी चाहिए

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