सुविचार

अगर नीयत अच्छी हो

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नीयत पर सुविचार

नीयत, साफ और मकसद सही हो तो
यकीनन किसी न किसी रुप में ईश्वर भी
आपकी मदद करते हैं ।

नीयत पर सुविचार

नीयत चाहे कितनी भी अच्छी हो,
दुनिया आपको दिखावे से जानती है और
दिखावा कितना भी अच्छा हो ऊपरवाला
आपको आपकी नीयत से ही जानता है ।

नीयत पर सुविचार

क्षमा कर देता है उनको ईश्वर,
जिनकी किस्मत खराब होती है,
पर वो लोग कभी क्षमा नहीं किए जाते,
जिनकी नीयत खराब होती है ।

बाजार में आजकल सब्जियों से ज्यादा
लोगों की नीयत खराब हो रही है।

नीयत अच्छी हो तो नतीजे भी अच्छे आते है और
अगर नीयत बुरी हो तो नतीजे भी बुरे आते हैं।

नीयत तेरी अच्छी है तो किस्मत तेरी दासी है,
कर्म तेरे अच्छे हैं तो घर में मथुरा काशी है ।

उपवास करें, रोजे रखें, खाने का नहीं,
गन्दी सोच, गंदी नीयत और गंदे विचारों का।

माँ-बाप के निर्णय शायद गलत हो सकते हैं
पर उनकी नीयत कभी गलत नहीं हो सकती है ।

घमंड बता देता है कितना पैसा है,
संस्कार बता देते हैं परिवार कैसा है,
बोली बता देती है इंसान कैसा है,
बहस बता देती है ज्ञान कैसा है,
नजरें बता देती है सूरत कैसी है,
स्पर्श बता देता है नीयत कैसी है।

इरादे पर स्टेटस

इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती,
जितनी जल्दी इंसान की नीयत और नजरें बदल जाती हैं।

आपकी नीयत से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और
दिखावे से इंसान, यह आप पर निर्भर करता है कि,
आप किसे प्रसन्न करना चाहते हैं।

नीयत पर स्टेटस 2 लाइन

ना सूरत बुरी, ना सीरत बुरी,
बुरा वो जिसकी नीयत बुरी।

उनके साथ जरूर रहो, जिनका वक्त खराब है पर
उनका साथ छोड़ दो जिनकी नीयत ख़राब है ।

सारी उम्र बस एक ही सबक याद रखना,
दोस्ती और दुआ में बस नीयत साफ रखना।

अगर नीयत अच्छी हो तो
नसीब कभी बुरा नहीं होता।

एक आईना कुछ ऐसा बना दे
जो चेहरा नहीं नीयत दिखा दे।

किसी को कुछ देने के लिए
हैसियत नहीं नीयत चाहिए।

नीयत अच्छी और मेहनत सच्ची हो तो
कामयाबी जरूर मिलती है।

बात पैसों की नहीं नीयत की होती है,
जो देने की कला जानते हैं उन्नति वहीं होती है।

इरादे पर सुविचार

स्वीकार करने की हिम्मत और सुधार करने की नीयत हो तो
भूल से भी इंसान बहुत कुछ सीख सकता है ।

नीयत और सोच अच्छी होनी चाहिए,
बातें तो हर कोई अच्छी कर लेता है।

इंसान की पहचान उसकी
दौलत से नहीं नीयत से होती है ।

बात सजदे की नहीं नीयत की है,
अगर नीयत नेक है तो खुशियाँ अनेक हैं।

मेरी चाहत में कमी हो सकती हैं
लेकिन मेरी नीयत में नहीं।

नीयत और सोच अच्छी होनी चाहिए

अगर आपका जमीर और नीयत साफ है तो
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि
कोई आपको अच्छा कहे या बुरा।
आप सिर्फ और सिर्फ अपनी नीयत से जाने जाएंगे,
दूसरों की सोच से नहीं।

लोग तुम्हारे कारनामे देखते हैं और
रब तुम्हारी नीयत देखता है।

इंसान के कपड़े साफ़ हो ना हो,
नीयत साफ़ होनी चाहिए।

अगर आपकी नीयत साफ़ होगी तो
मंजिल खुद आसान हो जाएगी।

जिनकी नीयत में ही दाग हो,
वो कैसे कभी बेदाग़ हो।

प्रेम और प्रार्थना में नीयत हमेशा साफ़ रखिए।

आप अपने अंतर्मन और नीयत से
जाने जाते हैं,
दूसरों की राय या सोच से नहीं ।

हमारी नीयत की परीक्षा उस वक्त होती है
जब हम किसी एक ऐसे व्यक्ति की मदद करते हैं जो
हमको कुछ भी नहीं दे सकता।

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