आधा सुनने वाले लोग
पूरा मतलब
निकालने के विशेषज्ञ होते हैं ।
हम समझते कम
और समझाते ज्यादा हैं,
इसलिए सुलझते कम
और उलझते ज्यादा हैं ।
सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं
आधा सुनते हैं, चौथाई समझते हैं
सोचते शून्य हैं और प्रतिक्रिया दोगुनी करते हैं ।
हर एक की सुनो और हर एक से सीखो
क्योंकि हर कोई, सब कुछ नही जानता लेकिन
हर एक कुछ न कुछ जरूर जानता है।
आप जितना कम बोलेंगे
आपकी उतनी ही सुनी जाएगी ।
आप जो कहते हैं, आप उसके गुलाम हैं
जो आप नहीं कहते हैं, आप उसके स्वामी हैं ।
लोगों की बातें कभी दिल पर नहीं लेनी चाहिए।
लोग तो अमरूद खरीदते समय पूछते हैं…
मीठे हैं ना? फिर बाद में नमक लगाकर खाते हैं।
आदमी धन के पीछे तब तक भागता है
जब तक कि उसका ‘निधन’ नहीं हो जाता ।
मनुष्य घर बदलता है कपड़े बदलता है
रिश्ते बदलता है, मित्र बदलता है
प्यार बदलता है फिर भी दुखी रहता है
क्योंकि वो स्वयं को नहीं बदलता ।
आज ऐसा ना करें, कल पछताना पड़े,
खुद को ही बदनामी से गुजरना पड़े,
सोचो, समझो गौर से, फिर कदम बढ़ाना,
ऐसा ना हो फिर से तुम्हें समझाना पड़े।