गलती पर सुविचार, अनमोल वचन, शायरी
गलती ज़िन्दगी का एक पेज है
पर रिश्ते ज़िंदगी की किताब है
जरूरत पड़ने पर
गलती का एक पेज फाड़ देना
पर एक पेज के लिए
पूरी किताब मत खो देना ।
आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो,
या फिर कितने भी ईमानदार बनो,
पर दुनिया तो बस आपकी
एक गलती का इंतजार कर रही है ।
गलती, पीठ की तरह होती है,
औरों की दिखती है;
पर अपनी नही…।
गलती पर साथ छोड़ने वाले तो
बहुत मिलते हैं पर
गलती समझाकर
साथ देने वाले बहुत कम मिलते हैं ।
गलतियों की वजह : गलती पर सुविचार
जीवन में अधिकतर गलतियाँ
केवल इसलिए होती हैं कि
जहाँ हमें विचारों से काम लेना होता है
वहाँ हम भावुक हो जाते हैं
और जहाँ भावुकता की आवश्यकता है,
वहाँ विचारों से काम लेते हैं ।
ग़लती ज्ञान की शिक्षा है ।
जब ग़लती करो तो उसे बहुत देर तक मत देखो,
उसके कारण को ले लो और आगे की ओर देखो ।
भूत बदला नहीं जा सकता,
भविष्य अब भी तुम्हारे हाथ में है ।
बहुत सी गलतियाँ हुईं जिंदगी में
लेकिन जो गलतियाँ लोगों को पहचानने में हुईं
उसका दुख सबसे ज्यादा है…. ।
जब हम बड़े हो जाते हैं
तो हमें पेंसिल के बदले पेन
इसलिए दिया जाता है
ताकि हम समझ जाए कि
हमारी गलतियों को
मिटाना अब आसान नही है ।
गलती, जो अक्सर होती है
गलती जो अक्सर हम करते हैं;
आधा-अधूरा सुनते हैं,
एक चौथाई समझते हैं;
फिर सोचते बिलकुल नहीं;
और प्रतिक्रिया दोगुनी करते हैं ।
जीवन में ऐसे “खिलाड़ी” बनें
जो गोल के लिये दौड़ता है
रेफरी” मत बनिये जो
गलतियाँ ढूँढने के लिये ही दौड़ता है ।
हमेशा छोटी-छोटी गलतियों से
बचने की कोशिश किया करो,
क्योंकि इन्सान पहाड़ों से नहीं
पत्थरों से ठोकर खाता है ।
आपकी गलती : गलती पर सुविचार
कोई आपको धोखा दे
यह उसकी गलती है
वही इंसान फिर धोखा दे
यह आपकी गलती है ।
गलतियाँ भी होगी,
और
गलत समझा भी जायेगा
यह जिन्दगी है जनाब
यहाँ तारीफें भी होगी और कोसा भी जायेगा ।
गलती नहीं, आपकी इच्छा
कोई भी गलती आप ज़िंदगी में
दो बार नहीं कर सकते हैं
क्योंकि यदि आप दोहराते हैं
तो यह गलती नहीं, आपकी इच्छा है ।
गलती पर, जो आप कर सकते हैं
गलती स्वीकारने और गुनाह छोड़ने
में कभी देर न करें
क्योंकि सफर जितना लंबा होगा
वापसी उतनी मुश्किल होगी ।
अपनी गलती ऐसे सुधारो कि
फिर कोई भूल न हो
चैन से बसर हो जिन्दगी
मन में कोई शूल न हो
यूँ तो जीते हैं सभी जिन्दगी अपनी शर्तों पर
पर ऐसा गुनाह न करो
जो ऊपर वाले को कबूल न हो ।
गलती पर कुछ और स्टेटस
जिस व्यक्ति ने कभी कोई
गलती नहीं की
उसने कभी नया करने की कोशिश ही नहीं की ।
तू कर ले हिसाब;
अपने हिसाब से;
लेकिन ऊपर वाला लेगा हिसाब;
अपने हिसाब से।
गलती निकालने के लिए
भेजा चाहिए
और गलती कबूलने के लिए
कलेजा चाहिए ।
होती हैं, गलतियाँ हर एक से मगर,
कुछ जानते नहीं, कुछ मानते नहीं।
यदि आप अपनी उंगलियों का उपयोग
अपनी ही गलतियों को गिनने में करते हैं, तो
उन्हें दूसरे के काम में ऊँगली करने का
वक्त ही नहीं मिलेगा ।
कभी-कभी हम
बिना कुछ गलत किए
भी बुरे बन जाते हैं क्योंकि
जैसा लोग चाहते हैं
हम वैसा कर नहीं पाते हैं ।
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