
धागे पर शायरी, सुविचार, हिन्दी स्टेटस
मोतियों को तो आदत है, बिखर जाने की ,
ये तो बस धागे की ज़िद है कि
सबको पिरोये रखना है ।
माला की तारीफ़ तो करते हैं सब,
क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं ।
काबिले तारीफ़ धागा है जनाब
जिसने सब को जोड़ रखा है ।
एक तरफ धागे हैं जो
उलझकर और करीब आ जाते हैं ,
और एक तरफ रिश्ते हैं जो
जरा-सा भी उलझते ही टूट जाते हैं ।
कभी कभी हम धागे
बहुत कमजोर चुन लेते हैं और
पूरी उम्र
गांठ बाँधने में ही गुजर जाती है।
जिस धागे की गांठे खुल सकती हैं
उस धागे पर कैंची नहीं चलानी चाहिए ।
वाणी में सुई भले ही रखो, पर उसमें धागा डालकर रखो,
ताकि केवल छेद ही न करे बल्कि
सुई आपस में माला की तरह पिरोकर भी रखे ।
बंधन उन्हीं के बँधते हैं,
जो दिल के सच्चे होते हैं
जो सूत रात में काता जाए
दो धागे कच्चे होते हैं ।
धागे पर शायरी – बिना धागे की सुई सी ज़िंदगी
बिना धागे की सुई सी ज़िंदगी
सिलती कुछ भी नहीं
बस चुभती जा रही है ।
किसी के अपना बनाओ तो
दिल से बनाओ
सुई में धागा वही प्रवेश कर सकता है
जिसमें कोई गाँठ न हो ।
रहिमन धागा प्रेम का
मत तोड़ो चटकाए
टूटे से फिर न जुड़े
जुड़े गाँठ पड़ जाए ।
मन्नत के धागे बाँधो
या मुरादों की पर्ची
वो देगा तभी जब होगी
उसकी मर्जी ।
उम्मीदें तैरती रहती हैं, कश्तियाँ डूब जाती हैं
कुछ घर सलामत रहते हैं, आँधियाँ जब भी आती हैं,
बचा ले जो हर तूफां से, उसे आस कहते हैं
बड़ा मज़बूत है ये धागा, जिसे विश्वास कहते हैं।