देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता के छोटे उपाय पढ़िए जिससे हों कलह क्लेश दूर
हिन्दू धर्म परंपराओं व मान्यताओं में सायंकाल यानी ढलती शाम प्रदोष काल, गोधूली बेला बहुत ही श्रेष्ठ व शुभ माना जाता है।
यह समय देव पूजा, उपासना या आवाहन के जरिए कामनासिद्धि, कलह और परेशानियों से छुटकारे के लिए उत्तम होता है ।
शास्त्रों के मुताबिक ऐसे ही पुण्यकाल में धन और ऐश्वर्य की देवी विष्णु पत्नी लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती है।
इसलिए घर-परिवार से कलह, दरिद्रता, रोग या आर्थिक तंगहाली को दूर करने के लिए ऐसे वक्त घर में दीप लगाना बहुत ही शुभ बताया गया है।
पवित्रता और प्रकाश खुशहाली का ही प्रतीक होता है।
मान्यता है कि ऐसे स्थान और दीप ज्योति से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर वहीं वास करने लगती है।
खास तौर पर विष्णु भक्ति का विशेष काल माने गए आषाढ़ माह में भी विष्णुप्रिया लक्ष्मी का स्मरण घर-परिवार में समृद्धि के साथ शांति भी लाने वाला माना गया है।
आप भी ऐसी कामना रखते हैं, तो जानिए हर शाम लक्ष्मी की प्रसन्नता का यह छोटा-सा उपाय-
रोजाना सायंकाल के वक्त घर के देवालय या पवित्र स्थान पर अक्षत यानी पूरे चावल पर रख माता लक्ष्मी या देव स्मरण कर यह मंत्र बोलते हुए 2 दीपक प्रज्जवलित करें।
इनमें से दीप घर के प्रवेश द्वार पर रख देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए निरोगी व समृद्ध जीवन की कामना करें-
दीपो ज्योति: परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं सांध्यदीप नमोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदम्।
शत्रुबुद्धिविनाशाय च दीपज्योतिर्नमोस्तु ते।।
उपाय 1
कोशिश करें कि घर में लक्ष्मी की पीतल या अष्टधातु की मूर्ति हो।
रोज उसे कच्चे दूध से स्नान कराएं। मीठा भोग लगाएं और श्रीसूक्त का पाठ करें। इससे लक्ष्मी की कृपा मिलने लगती है।
उपाय 2
लक्ष्मी को रोज लाल गुलाब चढ़ाएं। अगर मिल सके तो शुक्रवार को कमल का फूल चढ़ाएं।
खीर का भोग लगाएं। इससे धन की आवक बढ़ती है।
उपाय 3
घर में कन्या हो तो उसे डांटने या मारने से बचें।
शुक्रवार को उन्हें लक्ष्मी पूजन के बाद खीर खिलाएं। इससे लक्ष्मी घर में स्थायी निवास करती है।
उपाय 4
घर के मंदिर में बहुत ज्यादा भगवान ना रखें और ना ही बहुत ज्यादा तरह के मंत्रों के जाप करें। जाप के लिए गुरु मंत्र को ही सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
अगर गुरु मंत्र ना लिया हो तो किसी एक भगवान के मंत्र का पूरी आस्था से नियमित जाप करें।
उपाय 5
घर के मंदिर में लक्ष्मी, गणेश और श्रीयंत्र को साथ में रखें।
स्फटिक के श्रीयंत्र को भी लक्ष्मी स्वरुप माना गया है। तीनों की एक साथ पूजा से लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
इसके अलावा शास्त्रों ने कुछ सामान्य तरीके बताए हैं जो हमें अपने व्यवहार में उतारने चाहिए।
गंदे कपड़े ना पहनें
कभी भी गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे लक्ष्मी नाराज रहती हैं।
रोजाना नहाना और साफ कपड़े पहनना आपको तरोताजा रखता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा आसपास रहती है।
वाणी पर नियंत्रण रखें…
अपनी बोलने की आदत और शब्दों के चयन पर ध्यान दें।
ज्यादा बोलने वाले कभी काम पर फोकस नहीं कर पाते।
गलत शब्दों के चयन या अपशब्दों के कारण वाणी दोष लगता है, जिससे हमारी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति बिगड़ती है।
बुध भी धन का कारक ग्रह है। गणपति इसके स्वामी है लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए गणपति को भी खुश रखना जरूरी है।
इसलिए, कम बोलने और शब्दों का चयन सोचसमझ कर करने वालों पर लक्ष्मी ज्यादा मेहरबान होती है।
घर को महकाएं
घर में सुबह शाम अगरबत्ती या धूपबत्ती लगानी चाहिए।
गुग्गल की सुगंध से घर में सकारात्मकता रहती है।
झगड़ों को घर में अवाइड करें
घर के सदस्यों में अगर आपसी झगड़े होते हैं तो लक्ष्मी वहां नहीं रहती।
कोशिश करें कि घर के सदस्यों में तालमेल बेहतर हो, झगड़ों की स्थिति ना बनें।
परिवार में जितना आपसी प्रेम होगा उतना ही आर्थिक संकट कम होगा।