भगवान पर सुविचार, स्टेटस, ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ाने वाले सुविचार, ईश्वर पर कविता
जब हम विकट परिस्थिति से गुजर रहे होते हैं
और प्रभु को मौन पाते हैं तो हमें याद रखना चाहिए कि,
परीक्षा के समय गुरु हमेशा मौन ही रहता है।
भक्तों की भगवान परीक्षा बहुत लेता है,
पर उनका साथ नही छोड़ता है ।
नास्तिकों को भगवान देता तो बहुत है
पर साथ नही देता है ।
अपने रब पर भरोसा रखो
जिसकी खासियत यही है कि
अगर बात करो तो सुनता है
और दिल में रखो तो जानता है ।
चलते-चलते मेरे कदम अक्सर यही सोचते हैं, कि
किस तरफ जाऊँ, जो तू मुझे मिल जाये ।
ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ाने वाले सुविचार
जब हम अपनी चिंता को
आस्था में परिवर्तित कर देते हैं
तब
ईश्वर हमारे संघर्ष को
आशीर्वाद में परिवर्तित कर देता है ।
यदि आप ईश्वर से कुछ चाहो और
आपको न मिले तो इसमें नाराज होने की जरूरत नही है,
भगवान आपको वो नही देता है
जो आपकों अच्छा लगता है
बल्कि वही देता है जो आपके लिए अच्छा है ।
ईश्वर पर आस्था
उस पैरासूट की तरह है
जिसके पास होने पर आप
कितनी भी ऊंचाई से छलांग लगा सकते हैं ।
अपनी वाणी, आचरण व व्यवहार से
किसी को कष्ट न देना भी ईश्वर की स्तुति है ।
लघु से महान, अणु से विभु,
आत्मा से परमात्मा, नर से नारायण,
पुरुष से पुरुषोत्तम बनने की
विचारधारा का नाम आस्तिकता है ।
ईश्वर के सामने जो झुकता है,
वह सबको अच्छा लगता है, पर
जो सबके सामने झुकता है,
वह ईश्वर को अच्छा लगता है।
भगवान ने हमें दो हाथ सिर्फ ‘प्रार्थना’ नही
बल्कि ‘प्रयत्न’ करने के लिए भी दिए हैं,
सिर्फ हाथों को जोड़े रखने से कुछ नही होगा,
हमें इनका उपयोग कर प्रयास करना चाहिए।
भगवान पर सुविचार
सेवा सबकी कीजिये मगर आशा
किसी से मत रखिये क्योंकि
सेवा का सही मूल्य भगवान ही दे सकते हैं,
इंसान नहीं ।
खुश वह इन्सान होता हैं जिसने प्रभु में विश्वास रखा।
हर काम में ईश्वर का आभार माने
फ़िर ईश्वर आपकी राह आसान कर देंगे।
भगवान जानते हैं कि आपने किसी चीज के लिए,
कितना सब्र किया है और विश्वास कीजिए,
आपके सब्र के प्रत्येक पल की कीमत अदा होगी ।
भगवान पर विश्वास रखें ।
कोई काँधे पर हाथ रखता है तो
आपका हौसला बढ़ता है पर
जब किसी का हाथ काँधे पर नहीं होता
आप अपनी शक्ति खुद बन जाते हो और
वही शक्ति ईश्वर है ।
जीवन शतरंज के खेल की तरह है और
यह खेल आप ईश्वर के साथ खेल रहे हैं.
आपकी हर चाल के बाद,
अगली चाल वो चलता है.
आपकी चाल आपकी “पसंद” कहलाती है और..
उसकी चाल “परिणाम” ।
ईश्वर “टूटी” चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है –
ईश्वर “टूटी” हुई चीज़ों का इस्तेमाल
कितनी ख़ूबसूरती से करता है
जैसे बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है
मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है.
फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है और
बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है ।
इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करें तो
समझ लीजिये ईश्वर आपका इस्तेमाल
किसी बड़ी उपयोगिता के लिये करना चाहता है ।
इसीलिए प्रसन्न रहें और हँसते रहें।
जिस प्रकार
आकाश से गिरा हुआ जल
किसी न किसी रास्ते से होकर
समुद्र में पहुँच ही जाता है
उसी प्रकार
निःस्वार्थ भाव से की गई
किसी की “सेवा और प्रार्थना”
किसी न किसी रास्ते से
ईश्वर तक पहुँच ही जाती है ।
बीज की यात्रा वृक्ष तक है,
नदी की यात्रा सागर तक है,
और…
मनुष्य की यात्रा परमात्मा तक..
संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह सब ईश्वरीय विधान है,….
हम और आप तो केवल निमित्त मात्र हैं,
इसीलिये कभी भी ये भ्रम न पालें कि…
मै न होता तो क्या होता…!!
ईश्वर पर स्टेटस
जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करते,
तब तक आप ईश्वर पर भी विश्वास नहीं कर सकते।
विश्वास कीजिये ईश्वर के फैसले
हमारी ख्वाहिशों से बेहतर होते हैं।
ईश्वर पर विश्वास रखें
उसके पास हमेशा
आपके लिए कुछ बेहतर है ।
ईश्वर के न्याय की चक्की
धीमी जरूर चलती है पर
पीसती बहुत बारीक़ है।
अपने ईश्वर को मत बताओ कि
तुम्हारा तूफ़ान कितना बड़ा है,
अपने तूफ़ान को बताओ कि
तुम्हारा ईश्वर कितना बड़ा है ।
भगवान बोझ देता है, और
उसे उठाने के लिए कंधे भी।
भगवान् को देखा नहीं जा सकता,
इसीलिए तो वह हर जगह मौजूद है।
खूबसूरत रिश्ता है मेरा और प्रभु के बीच में
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं।
प्रार्थना का अर्थ, मांगना नहीं
बल्कि जो मिला है
उसके लिए आभार प्रकट करना है ।
भगवान् के सिवा कोई भी
आपके आंसू, दुःख और दर्द को नहीं समझता।
ईश्वर न दिखाई देने वाले माता पिता है,
और माता पिता दिखाई देने वाले ईश्वर है।
भगवान् हम में से हर एक को ऐसे प्यार करता है
जैसे केवल हमारा ही अस्तित्व हो।
प्रभु साथ हैं तो सब कुछ संभव है।
दूसरों की परेशानी का आनंद न लें,
कहीं भगवान आपको वह गिफ्ट न कर दें,
क्योंकि भगवान वही देता हैं जिसमें आपको आनंद मिलता है।
ईश्वर मेरे बिना भी ईश्वर है
मगर मैं ईश्वर के बिना कुछ भी नहीं।
ईश्वर पर कविता
अजीब खेल है उस परमात्मा का
लिखता भी वही है
मिटाता भी वही है
भटकाता है राह तो
दिखाता भी वही है
उलझाता भी वही है
सुलझाता भी वही है
जिंदगी की मुश्किल घड़ी में
दिखता भी नहीं मगर
साथ देता भी वही है ।
लगाया जो भक्ति का रंग
उसे छूटने न देना
श्री कृष्ण तेरी याद का दामन
कभी छूटने न देना
हर साँस में तुम और
तुम्हारा नाम रहे
प्रीत की यह डोरी
कभी टूटने न देना।
सारे जग को देने वाले मैं क्या तुझको भेंट चढ़ाऊँ,
जिसके नाम से आए खुशबू मैं क्या उसको फूल चढ़ाऊँ,
वो तैरते-तैरते डूब गये जिन्हें खुद पर गुमान था।
और वो डूबते-डूबते भी तर गये जिन पर तू मेहरबान था।
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