दुनिया के रेन बसेरे में,
पता नहीं कितने दिन रहना है,
जीत लो लोगों के दिलों को,
बस यही जीवन का गहना है ।
माटी चुन चुन महल बनाया,
लोग कहें घर मेरा।
ना घर तेरा, ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा ।
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
जोड़ भरेला थैला।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
संग चले ना धेला।
उड़ जाएगा हंस अकेला !
जग दो दिन का मेला !
इस जीवन की चादर में,
सांसों के ताने बाने हैं,
दुख की थोड़ी सी सलवट है,
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं.
क्यों सोचे आगे क्या होगा,
अब कल के कौन ठिकाने
ऊपर बैठा वो बाजीगर,
जाने क्या मन में ठाने है.
चाहे जितना भी जतन करे,
भरने का दामन तारों से,
झोली में वो ही आएँगे,
जो तेरे नाम के दाने है ।
कोई कहे ये तेरा है, कोई कहे ये मेरा है
कोई कहे जो तेरा है, वो मेरा है
लेकिन हकीकत में
न कुछ तेरा न कुछ मेरा है
यह दुनिया एक रैन बसेरा है ।
बदन है मिट्टी का
सांसे सारी उधार हैं
घमण्ड भी है तो किस बात का
यहाँ हम सब किरायेदार हैं
दर्द एक संकेत है कि….
आप ज़िंदा हो,
समस्या एक संकेत है कि….
आप मजबूत हो,
मेरी आपके लिए
प्रार्थना एक संकेत है कि…..
आप कभी अकेले नही हो ।
लोगों के काम आते रहें
क्योंकि कुदरत का ऊसूल है
जिस कुँए का पानी लोग पीते हैं,
वह खाली नहीं होता ।
जब आप खुद को
तराशते हैं
तब दुनिया
आपको तलाशती है।
दुनिया वो किताब है साहब
जिसे कभी पढ़ नहीं सकते
और जमाना वह शिक्षक है
जो सब कुछ सिखा देता है ।
इस दुनिया में रहना जरा सँभलकर,
जान ले लेते हैं लोग जान कह कर ।
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