हनुमान पूजन के दौरान न करें ये भूल
महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है । इनकी विधिवत् उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है।
ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान चालीसा या सुन्दरकांड का पाठ करना चाहिए । लेकिन इस दौरान इन गलतियों से बचना चाहिए :-
हनुमान जन्मोत्सव
- हनुमान जन्मोत्सव के दिन अगर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- जो भी वस्तु दान दें विशेष रूप से मिठाई तो उस दिन स्वयं मीठे का सेवन न करें ।
- राम भक्त हनुमान सीता जी में माता का दर्शन करते थे और बाल ब्रह्मचारी के रूप में स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते हैं।
- इसलिए माता स्वरूप स्त्री से पूजन करवाना और उनका स्पर्श करना वे पसंद नहीं करते ।
- यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दीप प्रज्जवलित कर सकती हैं। लेकिन उन्हें न तो छुएं और न ही उन्हें तिलक करें।
- महिलाओं का हनुमान जी को वस्त्र अर्पित करना भी वर्जित है।
- काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी की पूजा लाल और यदि लाल ना हो तो पीले वस्त्र में ही करें।
- हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें।
- इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी न तो हनुमान जी के मंदिर जाएँ और न ही घर पर उनकी पूजा करें।
- हनुमान पूजन के दौरान मन को गलत विचारों की ओर भटकने न दें।
- यदि आप का मन अशांत है और आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें।
- शांति प्रिय हनुमान को ऐसी पूजा से प्रसन्नता नहीं होती और उसका फल नहीं मिलता।
- हनुमान पूजन में चरणामृत का प्रयोग नहीं होता है। साथ खंडित अथवा टूटी मूर्ति की पूजा करना भी वर्जित है।
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बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए आप इनमें से कोई उपाय आजमा सकते हैं।
ये आपके कष्ट दूर कर विशेष फल प्रदान करेंगे । आप सुबह ही अपने घर के
नजदीक किसी भी हनुमान मंदिर में पहुंच जाएं। पंडित जी जो सिंदूर हनुमान जी
को लेप करने के लिए बना रहे हों । आप उसमें उनसे अनुरोध कर सहयोग करें।
अगर आप खुद सिंदूर बनाकर लेप करने में पंडित जी का सहयोग करें तो यह
बेहद उत्तम है। ऐसा करने से आपको हनुमान जी का विशेष आशीष प्राप्त होगा।
इसके बाद आप निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में
सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का
चोला चढ़ा दें-
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
लेपन और चोला चढ़ाने के बाद आप पंडित जी से तिलक जरूर लगवाएं।
मंदिर जाकर करें कोई भी उपाय
आप हनुमान जन्मोत्सव के दिन मंदिर जाकर इनमें से कोई भी उपाय या फिर
आपके लिए जो भी संभव हो कर सकते हैं-
- हनुमान जी के मंदिर जाएं, उन्हें सिंदूर का चोला चढ़ाएं और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
- श्री हनुमान जी के मंदिर में चमेली के तेल का दीया अर्पित करें
- शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
- हनुमान जी को लौंग लगे मीठे पान का भोग लगाएं।
- सिर से 8 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें।
- उड़द के दानों पर सिंदूर लगाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर अर्पित करें।
- 5 देसी घी की रोटी का भोग हनुमान जी को लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
- कोरोबार में वृद्धि के लिए इस दिन सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।
ध्यान दें कि हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है।
इसलिए इस अवसर पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें।