सुप्रभात सुविचार हिंदी, सुप्रभात संदेश
नई सुबह – आशा/उम्मीद का एक और दिन
नई सुबह, नई किरणें, नई आशा, नई उम्मीदें
नए रास्ते, इन सबके साथ आपको दिल से
सुप्रभात
अगर कल का दिन अच्छा था तो
रुकिए नहीं, हो सकता है,
आपकी जीत का सिलसिला बस
अभी शुरू ही हुआ हो।
सुप्रभात !
दिन महज दिन नहीं, सपनों को सच करने को मौका
ये महज एक दिन नहीं है, ये अपने सपनों को
सच करने का एक और मौका है।
सुप्रभात ! आपका दिन शुभ हो !
प्रात: सृष्टि की खूबसूरत घटना – प्रकृति पर अनमोल विचार
सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता,
यह सृष्टि की खूबसूरत घटना है,
जहाँ अंधकार को मिटाकर सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है।
सुप्रभात ! आपका दिन मंगलमय हो !
कल जो होगा, वो उम्मीद होगी
एक ताज़गी, एक एहसास, एक खूबसूरती
एक आस, एक आस्था, एक विश्वास
यही है, एक अच्छे दिन की शुरूआत ।
प्रातः अभिनंदन । सुप्रभात
सुंदर संदेश – उम्मीद का मंद उजाला नाउम्मीदी से बेहतर
उनके लिये सबेरे नहीं होते जो जिन्दगी में;
कुछ भी पाने की उम्मीद छोड़ चुके हैं ।
उजाला तो उनका होता है,
जो बार बार हारने के बाद कुछ पाने की उम्मीद रखे हैं ।
सुप्रभात !
ज़िन्दगी हमेशा एक मौका देती है
सरल शब्दों में उसे आज कहते हैं।
सुप्रभात !
कल से सीखें, आज के लिए जियें, कल के लिए उम्मीद करें ।
क्योंकि, आज है जो, वही सच है, कल जो होगा, वो उम्मीद होगी ।
सुप्रभात।
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज का निकलना नहीं
बल्कि आपकी मुस्कुराहट से दिन शुरु होना है ।
सुप्रभात ! आपका दिन मंगलमय हो !
एक नया दिन, कामना है कि,
यह दिन आपके जीवन का सुनहरा दिन हो !
सुप्रभात !
किसी का भी उदय अचानक नहीं होता
सूर्य भी धीरे-धीरे निकलता है और ऊपर उठता है
जिसमें धैर्य और तपस्या होती है
वही संसार को प्रकाशित करता है।
प्रातः वंदन … आपका दिन मंगलमय हो ।
सूरज दिन को उजाला देता है और उम्मीद दिल को
किरण चाहे सूर्य की हों या आशा की,
जीवन के सभी अंधकार को मिटा देती हैं ।
सुप्रभात !
जागना महत्वपूर्ण है – सुप्रभात सुविचार (suprabhat suvichar)
जल्दी जागना हमेशा फायदेमंद होता है,
फिर चाहे वह अपनी नींद से हो,
अहम से हो, वहम से हो या फिर सोये हुए जमीर से हो ।
प्रातः अभिनंदन । सुप्रभात !
आप थोड़ी देर और सो सकते हैं और
असफलता का सामना कर सकते हैं
या आप सफलता का पीछा करने के लिए तुरंत उठ सकते हैं।
इच्छा पूरी तरह से आपकी है।
सुप्रभात ! आपका दिन मंगलमय हो !
सुख, सुबह की तरह होता है,
जो माँगने पर नहीं जागने पर मिलता है ।
सुप्रभात।
बीता कल नहीं बदला जा सकता
पर आज का दिन अभी आपके हाथ में है,
सुप्रभात। आपका दिन मंगलमय हो ।
सफल होने का सीधा तरीका है
दूसरों से ज़्यादा मेहनत करो, दूसरों से ज़्यादा जानो और
दूसरों से कम उम्मीद रखो ।
सुप्रभात। आपका दिन शुभ हो ।
रूबरू मिलने का मौका हमेशा नहीं मिलता,
इसलिए शब्दों से छू लेता हूँ अपनों को ।
सुप्रभात । आपका दिन शुभ हो ।
हे प्रभु ! सबकी खुशी में हो मेरी खुशी
ऐसा मेरा नजरिया कर दो
सबके चेहरे पर एक छोटी सी खुशी ला सकूँ
तुम मुझे ऐसा जरिया कर दो ।
Good morning! आपका दिन मंगलमय हो ।
सुप्रभात शायरी – suprabhat shayari
नई सुबह इतनी सुहानी हो जाए;
आपके दुखों की सारी बातें पुरानी हो जायें;
दे जाए इतनी खुशियाँ ये दिन आपको;
कि ख़ुशी भी आपकी मुस्कुराहट की
दीवानी हो जाए ।
सुबह सुबह सूरज का साथ हो,
गुन गुनाते पंछी की आवाज हो,
हाथ में कॉफ़ी और यादों में कोई खास हो,
उस सुबह की पहली याद आप हो ।
सुप्रभात ! आपका दिन शुभ हो !
हर नई सुबह का नया नज़ारा,
ठंडी हवा लेके आई पैगाम हमारा,
जागो, उठो, तैयार हो जाओ,
खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा ।
सुप्रभात !
सुप्रभात पर कविता – Suprabhat Suvichar Poem
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती,
सूर्य बनकर वही निकलता है ।
Good morning … आपका दिन मंगलमय हो ।
सुबह-सुबह जिन्दगी की शुरुआत होती है,
किसी अपने से बात हो तो खास होती है ।
हँस के प्यार से अपनों को शुभ दिवस बोलो
तो खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं ।
सुप्रभात ! आपका दिन मंगलमय हो !
हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है,
हर महकती खुशबू एक जादू जगाती है,
जिन्दगी कितनी भी व्यस्त क्यों न हो,
निगाहों पर सुबह-सुबह
“अपनों” की याद आ ही जाती है ।
गुड मार्निंग
तम की घटाएँ छँट चुकी, देखो नया सबेरा है,
चिड़िया चहके, बयार भी महके, किरणों का बसेरा है।
उठ जाग मुसाफिर देर हुई, उम्मीदों ने तुम्हे घेरा है,
सपने पूरे कर लो अपने, कहता ये बसेरा है।
सुप्रभात।
खिलखिलाती सुबह है
ताजगी भरा है सबेरा
फूलों और बहारों ने
रंग अपना है बिखेरा
बस इंतजार है
आपकी मुस्कुराहट का
जिसके बिना ये दिन है अधूरा ।
सुप्रभात ! आपका दिन शुभ हो ।
लिख सकते हो भविष्य अपना, हाथों की लकीर हो तुम
कल फ़िर नयी सुबह होगी, खुशियों का चमन महकेगा
फ़िर अपनी रोशनी लेकर, आशा का सूरज चमकेगा
तुम उसी रोशनी को लेकर, पथ पर बढ़ते जाना
ग़म की अँधेरी गलियों के पार निकलते जाना ।
कभी न रुकना – कभी ना झुकना, राह भले पथरीली हो
चाहे पानी शोला उगले, चाहे आग भी गीली हो
तुम्हें तलाश है जिस मंजिल की, उसे तुम्हें ही पाना है
चट्टानों को तोड़-तोड़ कर, रस्ता नया बनाना है ।
कठिनाई से क्यूं डरते हो, तुम ही आज, भविष्य भी तुम
तुम ही चाँद, सूरज भी तुम, तुम धरती और जल भी तुम
तुम ही धार हो, तुम किनार हो, तुम माझी और नाव हो तुम
लिख सकते हो भविष्य अपना, हाथों की लकीर हो तुम!
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