झूठ और सच शायरी
जब तक सच जूते पहन रहा होता है
तब तक
एक झूठ आधी दुनिया का सफ़र तय कर सकता है ।
सच को तमीज नहीं बात करने की,
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।
झूठ इसलिए बिक जाता है कि,
क्योंकि;
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती है ।
सत्य की भूख सभी को लगती है,
लेकिन जब सत्य परोसा जाता है,
तो बहुत कम लोगों को;
इसका स्वाद अच्छा लगता है ।
झूठे इंसान की ऊंची आवाज सच्चे इंसान को ख़ामोश तो करा सकती है लेकिन सच्चे इंसान की खामोशी झूठे इंसान की बुनियाद हिला देती है ।
झूठ का कद कितना भी ऊँचा क्यो न हो,
सत्य के मुक़ाबले में छोटा ही होता है ।
सत्य की राह पर चलने का सबसे बड़ा मजा
ये होता है कि आपको भीड़ नही मिलती।
इसलिए आनंद लीजिये शांतिपूर्ण मार्ग का
क्योंकि इस राह पर कोई ट्राफिक नही।
दुनिया के हर इंसान को;
नफरत है झूठ से,
मैं परेशान हूँ ये सोच कर;
फिर ये झूठ बोलता कौन है ।
झूठ बोलना पहली बार
आसान हो सकता है, पर बाद में परेशानी देता है,
सच बोलना पहली बार कठिन होता है;
पर बाद में सुकून और आराम देता है ।
स्वयं का बचाव करने के लिए
कभी भी दूसरों पर दोषारोपण मत करो
क्योंकि समय के पास
सत्य को प्रकट करने का अपना तरीका है ।
झूठ और सच शायरी और देखें – सच का नकाब
झूठ का भी अजीब जायका है;
स्वयं बोलो तो मीठा लगता है और;
कोई दूसरा बोले तो कड़वा लगता है ।
झूठ की रफ़्तार भले ही तेज हो
पर सत्य आगे निकल जाता है ।
सच दो टूक में पर
झूठ घुमा फिर कर अपनी बात करता है ।
सच उथले में नहीं बल्कि
काई से ढके गहरे तालाब में रहता है ।
सच की डोर भले लम्बी हो पर
उसे कोई तोड़ नहीं सकता है ।
झूठ की उम्र छोटी पर जबान लम्बी होती है ।
एक झूठ छिपाने दस झूठ का सहारा लेना पड़ता है ।
सच और गुलाब सदैव काँटों से घिरे रहते हैं ।
झूठ से भरा जहाज मंझधार में डूबता है ।
सत्य परास्त तो हो सकता है पर कभी पराजित नहीं होता है ।
झूठ और सच शायरी, सुविचार और पढ़िए –