आलोचना पर अनमोल विचार, निंदा पर सुविचार, ईर्ष्या जलन पर सुविचार स्टेटस
जो आपसे जलते हैं
उनसे घृणा कभी न करें
क्योंकि यही तो वह लोग हैं
जो ये समझते हैं कि आप उनसे बेहतर हैं ।
ज़िन्दगी भी कितनी अजीब है..
मुस्कुराओ तो लोग जलते हैं ,
तन्हा रहो तो सवाल करते हैं।
यदि लोग आपकी आलोचना करते हैं,
टीस देते हैं, ताने मारते हैंं
तो भी परवाह न करें क्योंकि
खेल में यह केवल दर्शकों का काम है,
परवाह न करना खिलाड़ी का ।
दूसरों को नसीहत देना तथा आलोचना करना
सबसे आसान काम है और
सबसे मुश्किल काम है चुप रहना औरआलोचना सुनना ।
यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए।
आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए ।
कमाल करते हैं,
हमसे जलन रखने वाले,
महफ़िलें खुद की सजाते हैं और
चर्चे हमारे करते हैं ।
उन पर ध्यान मत दीजिए
जो आपकी पीठ पीछे बुराई करते हैं
इसका साधा सा अर्थ है कि,
आप उनसे दो कदम आगे हैं ।
उपलब्धि और आलोचना
एक दूसरे की मित्र हैं
उपलब्धियाँ बढ़ेंगी तो
निश्चित ही आपकी आलोचना बढ़ेगी ।
अपने आप को बेहतर बनाने में
इतना व्यस्त रहें कि आपके पास
दूसरों की आलोचना करने का
समय ही नहीं बचे।
किताबें ऐसी शिक्षक हैं जो बिना कष्ट दिए,
बिना आलोचना किए और बिना परीक्षा लिए
हमें शिक्षा देती हैं।
हमारी सबसे बड़ी समस्या
हमारे साथ प्राय: समस्या यही होती है कि
हम झूठी प्रशंसा के द्वारा बरबाद हो जाना तो
पसंद करते हैं, परन्तु
वास्तविक आलोचना के द्वारा संभल जाना नहीं ।
फूँक मारकर हम दिए को
बुझा सकते है पर अगरबत्ती को नहीं,
क्योंकि जो महकता है
उसे कौन बुझा सकता है और
जो जलता है वह खुद बुझ जाता है।
लोग आपके रास्ते में गड्ढे करें तो
परेशान मत होना, क्योंकि ये वही लोग हैं,
जो आपको छलांग लगाना सिखाएंगे ।
कोई आपके अच्छे कार्य पर
संदेह करता है तो करने दीजिए
क्योंकि शक सदैव सोने की शुद्धता पर किया जाता है
कोयले की कालिख पर नहीं ।
निंदा पर सुविचार
चर्चा और निन्दा
यह केवल , सफल व्यक्तियो
के भाग्य में होती है,
इसलिए सफर जारी रखिये ।
लोग प्रशंसा करते है या निंदा
इसकी चिंता छोड़ दो
सिर्फ एक बात सोचें कि,
आपने ईमानदारी से जिम्मेदारी पूरी की या नहीं ।
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को
न छोड़ें क्योंकि
लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की
राय बदल जाती है ।
कोई सराहना करे या निंदा लाभ अपना ही है
कारण …
प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सुधरने का अवसर ।
निंदा उसी की होती है
जो जिंदा हैं
मरने के बाद तो सिर्फ
तारीफ की जाती है ।
ईर्ष्या पर सुविचार स्टेटस
एक समझदार व्यक्ति वह है जो
दूसरों को देख कर उनकी विशेषताओं को
सीखता है, उनसे तुलना या ईर्ष्या नहीं करता ।
किसी से ईर्ष्या करके मनुष्य
उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है पर
अपनी नींद और सुख-चैन अवश्य खो देता है ।
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