मानव जीवन पर सुविचार, अनमोल वचन, शायरी
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ, हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया कि, जीने के लिए काम करता हूँ;
या काम करने के लिए जीता हूँ।
इंसान की अच्छाई पर, सब खामोश रहते हैं;
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो, तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं ।
थक गया हूँ, तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा, मेरा हिसाब कर दे ।
झूठ का भी अजीब जायका है, स्वयं बोलो तो मीठा लगता है
और कोई दूसरा बोले तो कड़वा लगता है ।
पैसे से सुख, खरीदा नहीं जाता;
और दुख का कोई, खरीददार नहीं होता ।
लोग अक्सर कहते हैं, ज़िंदा रहेंगे तो मिलेंगे;
मगर एक सच्चे दोस्त ने कहा “मिलते रहेंगे तो ज़िंदा रहेंगे” ।
किसी को नींद आती है, मगर ख्वाबों से नफरत है,
किसी को ख्वाब प्यारे हैं, मगर वो सो नहीं सकता ।
इंसान की चाहत है कि, उड़ने को पर मिले;
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले ।
सफल रिश्तों के यही उसूल हैं, वो सब भूलिए, जो फिज़ूल हैं ।
छल में बेशक बल है, माफ़ी आज भी हल है ।
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दूसरों की छाँव में खड़े रहकर, हम अपनी परछाई खो देते हैं,
अपनी परछाई के लिये, खुद धूप में खड़ा होना पड़ता है ।
जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है;
सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है ।
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे है कि, मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर इंसान ये नहीं ढूँढ रहा है कि, उसके जीवन में मंगल है या नहीं।
एक सत्य ये भी है कि,
धनवानों का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है कि, वे भी धनवान हैं ।
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है;
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है ।
कमाल है न,
आँखे तालाब नहीं, फिर भी भर आती हैं ।
दुश्मनी बीज नहीं, फिर भी बोयी जाती है ।
होठ कपड़ा नहीं फिर भी सिल जाते हैं ।
किस्मत सखी नहीं, फिर भी रुठ जाती है ।
बुद्वि लोहा नहीं फिर भी जंग लग जाती है ।
आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी घायल हो जाता है;
और इंसान मौसम नही, फिर भी बदल जाता है ।
अजीब तरह के लोग हैं, इस दुनिया में,
अगरबती भगवान के लिए खरीदते हैं और खुशबू खुद की पसंद से तय करते हैं ।
जिंदगी गुजर गयी, सबको खुश करने में;
जो खुश हुए, वो अपने नहीं थे और जो अपने थे, वो कभी खुश नहीं हुए ।
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जब हम अकेले हों, तब अपने विचारों को संभालें ।
और जब हम सबके बीच हों, तब अपने शब्दों को संभालें ।
जब इंसान कामयाबी के शिखर पर होता है तो;
अक्सर अपनों को भूल जाता है,
और जब बरबादी की कगार पर होता है, तो अपने उसे भूल जाते हैं ।
बदला लेने में क्या मजा है,
मजा तो तब है जब तुम सामने वाले को बदल डालो ।
इच्छा बुरी बला,
पूरी न हो तो क्रोध बढ़ता है;
और पूरी हो तो लोभ बढ़ता है ।
बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है;
लेकिन अच्छा आदमी बनना, बहुत बड़ी बात है ।
महँगे इतने न बनें कि, लोग बुला न सकें;
और सस्ते इतने न बनें कि, लोग नचाते रहें ।
ज़िंदगी को समझना बहुत मुश्किल,
कोई सपनों की खातिर, अपनों से दूर रहता है;
और कोई अपनों की खातिर, सपनों से दूर रहता है ।
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से, पूरे होते थे ।
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें ही पूरी होती हैं ।
जब आप फिक्र में होते हैं तो खुद जलते हैं;
और बेफिक्र होते हैं तो दुनिया जलती है ।
सफलता को सिर पर चढ़ने न दें
और असफलता को दिल में उतरने ने दें ।
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छोटे थे तो हर बात भूल जाया करते थे;
दुनिया कहती थी याद करना सीखो;
बड़े हुए तो हर बात याद रहती है;
दुनिया कहती है भूलना सीखो ।
आप होशियार हैं, अच्छी बात है,
पर हमें मूर्ख न समझें, यह उस से भी अच्छी बात है ।
जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं,
एक, जो सोचते हैं, पर करते नहीं;
और दूसरे वो, जो करते तो हैं, पर सोचते नहीं हैं ।
आधे दुख गलत लोगों से, उम्मीद रखने से होते हैं;
और बाकी आधे सच्चे लोगों पर शक करने से होते हैं ।
बेगुनाह कोई नहीं, सबके राज़ होते हैं;
किसी का छप जाता है, किसी का छिप जाता है ।
आँखें दुनिया की तमाम मुसीबतें समेट लेती हैं;
जब रोती हैं, दिलों को हिला देती हैं;
और जब बंद होती हैं, तो दुनिया को रुला देती हैं ।
दौलत भी क्या चीज है, जब आती है तो इंसान खुद को भूल जाता है;
और जब जाती है तो, ज़माना उसको भूल जाता है ।
तपस्या अगर पार्वती की थी तो प्रतीक्षा शिव की भी रही होगी
आँख में आँसू सीता के थे तो तड़प राम की भी रही होगी
राधा कृष्ण को न पा सकी तो अधूरे कृष्ण भी रहे होंगे
जीवन जब ईश्वर के लिये सरल ना था तो हम मनुष्यों की औकात ही क्या है ।
जीवन एक पाठशाला है,
हर दिन एक नई कक्षा है
हर एक क्षण आपका गुरु है
और जिसमें आप सीखने वाले छात्र हैं ।