परिस्थिति पर सुविचार, कठिन समय पर अनमोल विचार, कठिन परिस्थिति पर स्टेटस
परिस्थितियाँ विपरीत हों तो
कुछ लोग टूट जाते हैं और
कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ देते हैं ।
जो परिस्थिति से लड़ा है,
वही तो जीवन में आगे बढ़ा है,
जिसने किस्मत को कोसा है,
वह वहीं का वहीं खड़ा है ।
परिस्थिति कैसी भी हो,
मन यदि स्वीकार कर ले तो
उसी में सुख है ।
हमारी सभी उँगलियाँ लंबाई में बराबर नहीं होती हैं,
किन्तु जब वे मुड़ती हैं तो बराबर दिखती हैं, इसी प्रकार
यदि हम किन्हीं परिस्थितियों में थोड़ा सा झुक जातें है
या तालमेल बिठा लेते हैं तो
ज़िन्दगी बहुत आसान व आनंदित हो जाती है।
परिस्थितियों से हारें नहीं;
जमकर मुक़ाबला करें,
क्योंकि तेजस्वी सूर्य को भी;
अपने उदयकाल में अंधेरे से;
लड़कर उसे भगाना होता है,
तभी वह प्रखर हो पाता है ।
एक दर्पण अपनी काबिलियत कभी नहीं बदलता
फिर चाहे वह दो टुकड़ों में विभाजित हो या हजार टुकड़ों में
इसलिए अपने असली बर्ताव को कभी नहीं बदले
चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो ।
परिस्थितियाँ न बदले, मनस्थितियाँ बदल लें
जब परिस्थितियां हमारे वश में न हों
तब मन की स्थिति बदल के देखिए,
सब कुछ तो नहीं पर
बहुत कुछ आप के अनुरूप हो जाएगा ।
परिस्थिति कुछ भी हो
डटकर खड़े रहना चाहिए
क्योंकि सही समय पर खट्टी कैरी भी
मीठे आम में बदल जाती है ।
कठिन परिस्थितियाँ, एक वाशिंग मशीन की तरह होती हैं
जो हमें ठोकर मारती है, घुमाती है और निचोड़ती भी है
परंतु जब भी हम इनसे बाहर आते हैं
तो हमारा व्यक्तित्व पहले की अपेक्षा अधिक साफ,
चमकीला और बेहतर होता है ।
परिस्थितियां जब विपरीत होती है, तब
व्यक्ति का प्रभाव और पैसा नहीं
स्वभाव और संबंध काम आते हैं ।
यदि परिस्थितियों पर आपकी पकड़ मज़बूत है तो
जहर उगलने वाले भी
आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं ।
कुछ भी स्थायी नहीं हैं,
इसलिए स्वयं को अधिक तनावग्रस्त न करें, क्योंकि
परिस्थितियां चाहे जितनी भी खराब हो बदलेंगी जरूर ।
प्रशंसक आपकी स्थिति देखते हैं
और शुभचिंतक आपकी परिस्थिति ।
परिस्थितियाँ एक अवसर
जब दिमाग़ कमजोर होता है,
परिस्थितियाँ समस्या बन जाती है।
जब दिमाग़ स्थिर होता है,
तब परिस्थितियाँ चुनौती बन जाती है. लेकिन
जब दिमाग़ मजबूत होता है, तब परिस्थितियाँ अवसर बन जाती हैं।
ख़ुश रहना है तो ज़िन्दगी के फैसले अपनी
परिस्थिति को देखकर लें !
दुनिया को देखकर जो फैसले लेते हैं वो दुःखी
ही रहते हैं ।
अपने आपको परिस्थितियों का
गुलाम कभी मत समझो।
आप खुद अपने भाग्य के विधाता हो।
इससे पहले की परिस्थितियाँ
तुम्हारी जिंदगी की दिशा बदलें
उठो, साहस दिखाओ और अपनी
परिस्थितियों को ही बदल डालो।
पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर
समझ आया कि,
परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,
पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना
वरना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को
घर से निकाल सकती है तो फिर
हमारी तो औकात ही क्या है।
कुंठा से बचें,
विषम परिस्थितियों का साहस पूर्वक सामना करें,
विनम्रता पूर्वक व्यवहार करें,
क्योंकि कुंठा से हम आक्रमक बनते हैं और
अवसाद में चले जाते हैं।
परिस्थिति बदले तो मन:स्थिति बदल लो
परिस्थिति बदले तो अपनी मन:स्थिति बदल लो।
बस दुख, सुख में बदल जाएगा।
सुख – दुख आख़िर दोनों हमारे अपने
मन के ही तो समीकरण हैं।
बस आपका दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।
इच्छायें पूरी नही होती है
तो क्रोध बढ़ता है
और इच्छायें पूरी होती है
तो लोभ बढ़ता है
इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में
धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है ।
पानी को कसकर पकड़ोगे तो वो हाथ से छूट जाएगा,
उसे बहने दो वो अपना रास्ता खुद बना लेगा।
कभी कभी जब परिस्थितियाँ समझ में न आएँ तो
जो कुछ जीवन में घटित हो रहा है उसे
शांत भाव व तटस्थ होकर बस देखना चाहिए।
समय आने पर जीवन अपना मार्ग खुद बना लेगा।
यदि आपके सामने कोई ऐसे परिस्थिति आती है
जो आपको लगे कि वह आपके फेवर में नहीं है तो
कोशिश करो कि उस परिस्थिति के साथ सामंजस्य बैठा सको ।
हमेशा परिस्थितियाँ आपके अनुकूल नहीं होती है।
इसलिए आपको कभी-कभी विपरीत परिस्थितियों में भी जीना पड़ता है।
आपको अगर ज़्यादा समस्या आ रही है तो आप
थोड़े समय के लिए खुद को अनचाही परिस्थिति से खुद को निकाल सकते है।
आप कही घूमने जा सकते है या कुछ ऐसा कार्य कर सकते है जो आपको ख़ुशी देता हो।
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very nice sir
Thanks