नज़रिया शायरी हिंदी (Nazariya Shayari in Hindi)
नजर का आपरेशन तो सम्भव है, पर नजरिये का नही ।
फर्क सिर्फ सोच का होता है वरना,
जो सीढ़ियाँ ऊपर जाती हैं, वही नीचे भी आती हैं ।
कपड़े से तो पर्दा होता है साहेब
हिफाजत तो नजरों से होती है।
कोशिश न कर, खुश सभी को रखने की,
कुछ लोगों की नाराजगी भी जरूरी है, चर्चा में बने रहने के लिए ।
नज़रिया शायरी – नजरिया आजकल का
यह नज़रिया है आजकल सबका,
खूबियाँ मेरी खामियाँ उसकी ।
कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया;
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,
न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार,
बस लोगों के देखने का नज़रिया बदल गया ।
कभी न कहो कि, दिन अपने ख़राब हैं;
समझ लो कि हम, काँटों से घिर गए गुलाब हैं ।
छोड़ दो सारे गम और गिले-शिकवे
बदलने पर मौसम भी सुहाना लगता है ।
मिजाज यूँ ही नहीं, चिड़चिड़ा कीजिये
कोई बात छोटी करे, तो दिल अपना बड़ा कीजिये ।
किसी की नजर में अच्छा हूँ तो किसी की नजर में बुरा हूँ,
हक़ीक़त तो ये है, जिसका नज़रिया जैसा है, उसकी नज़र में मैं वैसा हूँ ।
नजरिए की तो बात है साहब
किसी को मुरझाया फूल किसी काम का ना लगा
तो किसी ने उसका गुलकंद बना लिया ।
हर एक रंग खूबसूरत होता है साहब,
बस उसे देखने का नज़रिया चाहिए ।
मन खुश है तो एक बूंद भी बरसात है
दुखी मन के आगे समंदर की भी क्या बिसात है ।ह
ना बुरा होगा ना बढ़िया होगा
होगा वैसा, जैसा नजरिया होगा ।
कल शीशा था सब देख देखकर जाते थे
आज टूट गया सब बच बच कर जाते है
समय के साथ देखने का
और इस्तेमाल करने का नजरिया बदल जाता है ।
शायद तेरे नजरिए से मेरा नजरिया अलग था
तुझे वक्त गुजारना था और मुझे जिंदगी ।
नज़रिया बदल के देख हर तरफ नजराने मिलेंगे
ऐ जिंदगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे ।