
चरित्र छवि आचरण प्रतिष्ठा पर सुविचार, स्टेटस, अनमोल विचार
हर आदमी के तीन चरित्र होते हैं;
पहला जो वह दिखाता है,
दूसरा जो उसके पास है, और
तीसरा जो वह सोचता है कि उसके पास है।
इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र
किसी पहचान के मोहताज नहीं होते हैं,
ये चारों अपना परिचय खुद देते हैं ।
मनुष्य का असली चरित्र
तब सामने आता है,
जब वो नशे में होता है।
फिर नशा चाहे धन का हो,
पद का हो, रूप का हो या शराब का।

हम जिस चेहरे के साथ
जन्म लेते हैं
वो हमारे बस में नहीं होता।
मगर जिस चरित्र,
व्यक्तित्व एवं किरदार के साथ
हम इस संसार से विदा लेते हैं,
उस के लिये हम ख़ुद ज़िम्मेदार होते हैं ।
चरित्र पर सुविचार
तारीफ चरित्र की हो तो ज्यादा बेहतर है
चित्र की नहीं…
क्योंकि चित्र बनाने में कुछ दिन,
कुछ समय लगता है, जबकि
चरित्र बनाने में पूरा जीवन…….l
जो स्नेह आपको दूसरों से मिलता है
वह आपके चरित्र का तोहफा होता है ।
पढ़ना एक गुना
चिंतन दो गुना और
आचरण सौ गुना के बराबर होता है ।
चरित्र निर्माण के तीन आधार स्तम्भ है,
अधिक निरीक्षण करना,
अधिक अनुभव करना एवं अधिक अध्ययन करना ।

अपनी प्रतिष्ठा का बहुत अच्छे से ख्याल रखें
क्योंकि इसकी उम्र आपकी आयु से बहुत अधिक है ।
अपने किरदार की हिफाजत जान से बढ़कर कीजिए
क्योंकि इसे जिंदगी के बाद भी याद किया जाता है ।
आचरण एक वृक्ष है,
और प्रतिष्ठा यश सम्मान उसकी छाया
लेकिन विडंबना यह है कि,
वृक्ष का ध्यान बहुत कम लोग रखते हैं
और छाया सबको चाहिए ।

अच्छे किरदार,
अच्छी सोच वाले लोग,
हमेशा साथ रहते हैं ।
दिलों में भी, लफ्ज़ों में भी
और दुआओं में भी ।
चाय और चरित्र जब भी गिरते हैं,
गहरा दाग छोड़ते हैं ।
जीवन में कुछ संबंध ऐसे होते हैं
जो किसी पद प्रतिष्ठा के मोहताज नहीं होते…!
वे स्नेह और विश्वास की बुनियाद पर टिके होते हैं ।
चरित्र छवि पर सुविचार और पढ़ें –
Zindagi Ek Gam hai