शब्द पर सुविचार ( Power Of Words ), अनमोल वचन, शायरी, मैसेज हिंदी में, शब्द पर अच्छे विचार
शब्दों का वजन
तो बोलने वाले के;
भाव पर आधारित है ।
एक शब्द मन्त्र हो जाता है;
एक शब्द गाली कहलाता है;
वाणी ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का
परिचय कराती है ।
शब्द भी क्या चीज़ है;
महके तो लगाव;
बहके तो घाव।
शब्द कितनी भी समझदारी से
इस्तेमाल कीजिए फिर भी
सुनने वाला अपनी योग्यता और
मन के विचारों के अनुसार ही
उसका मतलब समझता है ।
मधुर वाणी बोलना
एक महँगा शौक है
जो हर किसी के बस की बात नहीं
अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें,
क्योंकि खराब मूड को बदलने के
बहुत मौके मिलेंगें
पर
शब्दों को बदलने के नहीं ।
मूर्खों से कभी तर्क मत कीजिये,
क्योंकि, पहले वे आपको अपने स्तर पर लायेंगे
और;
फिर अपने ओछेपन से आपकी धुलाई कर देंगे।
शब्द पर सुविचार
इंसान “जन्म” के दो वर्ष बाद;
बोलना सीख जाता है;
लेकिन बोलना क्या है ?
यह सीखने में पूरा जन्म लग जाता है ।
शब्द तो ‘दिल’ से निकलते हैं;
‘दिमाग’ से तो ‘मतलब‘ निकलते हैं।
एक बेहतरीन इंसान;
अपनी जुबान से ही पहचाना जाता है;
वर्ना अच्छी बातें तो;
दीवारों पर भी लिखी होती हैं।
इंसान एक दुकान है
और जुबान उसका ताला।
ताला खुलता है, तभी मालूम होता है कि;
दुकान सोने की है या कोयले की।
सिर्फ शब्दों से न करना,
किसी के वजूद की पहचान
हर कोई, उतना कह नहीं पाता,
जितना समझता और महसूस करता है ।
शब्द पर सुविचार और शायरी, शब्दों की ताकत
शब्द मुफ्त में मिलते हैं;
लेकिन;
उनके चयन पर निर्भर करता है, कि
उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी ।
वाणी में भी अजीब शक्ति होती है;
कड़वा बोलने वाले का शहद भी नही बिकता और;
मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है।
इंसान को इंसान की नज़र से तौलिये
दो शब्द ही सही
मगर प्यार से बोलिए ।
शब्द पर सुविचार स्टेटस और अनमोल वचन
शब्द कितने ही हों पास मगर अर्थ,
किसी के मन को छू न सके तो सब व्यर्थ है।
जो आपसे दिल से बात करता है;
उसे कभी दिमाग से जवाब मत देना।
जिंदगी बहुत छोटी है;
जो हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें;
धन्यवाद कहो;
और;
जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते;
उन्हें मुस्कुराकर माफ़ कर दो ।
बात करने से ही बात बनती है पर
बात न करने से
अक्सर बातें बन जाती हैं ।
शब्द पर सुविचार पर और SMS
यदि किसी की कोई बात बुरी लगे तो,
दो तरह से सोचें,
यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण है,
तो बात भूल जाएँ और,
बात महत्वपूर्ण है तो व्यक्ति को भूल जाएँ ।
शब्द पर सुविचार और मैसेज
विचित्र किन्तु सत्य
अपनों के लिए लोग
गोली सह सकते हैं
लेकिन अपनों की बोली
नहीं सह सकते हैं ।
शब्द भी चाबी की तरह होते हैं,
इनका सही इस्तेमाल करके
कई लोगों के मुँह बंद और
दिल के ताले खोले जा सकते हैं।
एक मुँह और दो कान
का अर्थ है कि
हम अगर एक बात बोलें
तो कम से कम दो बात सुनें ।
जिसको ‘सुनना’ आ जाये;
उसको ‘बोलने’ की कोई जरूरत ही नहीं;
क्योंकि फिर उसका ‘कर्म’ बोलता है ।
आप अपने शब्दों को कितनी ही
समझदारी से बोलिए
लेकिन सुनने वाला आदमी
अपनी योग्यता और अपने मन के
विचारों के अनुसार ही
उसका मतलब निकालता है ।
शब्द पर सुविचार पर और SMS
शब्दों की ताकत को
कम मत आँकिये साहेब
क्योंकि छोटा सा “हाँ” और छोटा सा “ना”
पूरी जिंदगी बदल देता है।
अपने शब्दों में ताकत डालिये
आवाज में नहीं,
बारिश से फूल उगते हैं
तूफ़ान से नहीं।
शब्द में वो धार हो;
जो जिगर के पार हो ।
आँख का पानी रहे;
जीत हो या हार हो ।
मंज़िलों के वास्ते;
कोशिशें हर बार हो ।
यूँ दरख्तों के लिए;
ठोस तो आधार हो ।
बोलिए उस बात को;
जिसमें कुछ भी सार हो ।
हर बात, लफ़्ज़ों क़ी मोहताज़ हो;
ये ज़रूरी तो नहीं ।
कुछ बातें, बिना अल्फ़ाज़ के भी;
खूबसूरती से बोली और समझी जाती हैं ।
अल्फ़ाज़ों का अहम किरदार रहा है;
दूरियाँ बढ़ाने में;
कभी वो समझ न पाये;
कभी हम समझा न पाये ।
ना जाने कौन सी दौलत है
कुछ लोगों के शब्दों में..!
बात करते हैं तो
मन ही खरीद लेते हैं ।
शब्द पर सुविचार अनमोल वचन
लफ्ज़ ही होते हैं,
इन्सान का आइना;
शक्ल का क्या,
वो तो उम्र और हालात के साथ;
बदल जाती है ।
शब्दों का भी तापमान होता है
ये सुकून भी देते हैं,
और जला भी देते हैं ।
शब्दों के दांत नहीं होते है,
लेकिन शब्द जब काटते है, तो
दर्द बहुत होता है और कभी कभी
घाव इतने गहरे हो जाते है कि
जीवन समाप्त हो जाता है
परन्तु घाव नहीं भरते ।
इसलिए जीवन में जब भी बोलो
मीठा बोलो मधुर बोलो ।
शरीर सुंदर हो या न हो पर
शब्दों को जरूर सुंदर रखिये, क्योंकि
लोग चेहरे भूल जाते हैं पर
शब्दों को नहीं भूलते।
शब्दों की अति, बन जाते हैं अपशब्द,
मन आवेशित है तो हो जाइए निशब्द ।
शब्द शक्ति है शब्द भाव है शब्द सदा अनमोल,
शब्द बनाये शब्द बिगाड़े तोल मोल के बोल ।
निशब्द कर देना,
शब्द की सबसे बड़ी उपलब्धि है ।
शब्द अगर दिल से
न निकलें तो बेजान होते हैं ।
दो शब्दों में लिखी जाती हैं इश्क की कहानियाँ
मोटी किताबों में तो फ़रेब ही होता है ।
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प्रकृति कभी जल्दबाजी नहीं करती
छोटी-छोटी बातों में आनंद खोजिए
अत्यंत सुंदर। मैं इनमें से कुछ को अपने लेखों में quote करना चाहता हूँ।
कृपया अनुमति दें।
भवदीय
उत्तम कुमार
धन्यवाद, स्वागत है ।
Thanks for this nice article!!!