लफ्ज़ शायरी सुविचार हिन्दी
बोलने से पहले
लफ्ज, इन्सान के गुलाम होते हैं,
लेकिन बोलने के बाद
इंसान, अपने लफ्ज का
गुलाम हो जाता है ।
लफ्ज आईने हैं;
मत इन्हें उछाल के चल,
अदब की राह मिली है तो;
देखभाल के चल;
मिली है ज़िन्दगी तुझे;
इसी मकसद से,
सँभाल खुद को भी और;
औरों को सँभाल के चल।
अहमियत अल्फ़ाज़ की होती है,
मगर असर हमेशा लहज़े का होता है ।
अगर किसी परिस्थिति के लिए;
आपके पास शब्द नहीं हैं;
तो मुस्कुरा दीजिये,
शब्द उलझा देते हैं,
मुस्कुराहट काम करती है ।
लफ्ज मगरुर हो जायें
चलता है ।
मगर स्वभाव मगरुर हो जाये तो
खलता है ।
शब्द जब सीमायें पार कर जाते हैं
तो अर्थ दिल को दुखाते हैं ।
हर बात, लफ़्ज़ों क़ी मोहताज़ हो;
ये ज़रूरी तो नहीं ।
कुछ बातें, बिना अल्फ़ाज़ के भी;
खूबसूरती से बोली और समझी जाती हैं ।
अहमियत अल्फ़ाज़ की होती है,
मगर असर हमेशा लहज़े का होता है ।
लड़िए, रूठिए पर बातें बंद न कीजिये;
बातों से अक्सर उलझाने सुलझ जाती हैं;
गुम होते हैं शब्द, बंद होती है जुबां;
संबंध की डोर ऐसे में और उलझ जाती है ।
चाकू, खंजर, तीर और तलवार लड़ रहे थे
कि कौन ज्यादा गहरा घाव देता है,
और शब्द पीछे बैठे मुस्कुरा रहे थे ।
जब लफ्ज़ खामोश हो जाते हैं
तब आँखे बात करती है,
पर बड़ा मुश्किल होता है
उन सवालों का जवाब देना
जब आँखे सवाल करती हैं ।
ताक़त अपने लफ्ज़ों में डालो
आवाज में नहीं..
क्योंकि फसल बारिश से उगती है,
बाढ़ से नही ।
लफ्ज़ शायरी सुविचार हिन्दी और पढ़ें – सादगी अगर हो लफ्जों में
अपने हर एक लफ्ज़ का
खुद आइना हो जाऊँगा,
किसी को छोटा कहकर
मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा?
संवाद किसी भी संबंध की,
जीवन रेखा होते हैं।
जब आप संवाद,
बंद कर देते हैं।
तो आप अपने कीमती संबंधों को
खोना शुरू कर देते हैं ।
खामोशियाँ ही बेहतर हैं जिंदगी के सफर में,
लफ्जों की मार ने कई घर तबाह किये ।