शिकायत पर सुविचार शायरी हिन्दी में, अनमोल वचन, शिकायत स्टेटस
औरों के लिए जीते थे,
किसी को कोई शिकायत न थी।
अपने लिए जीने का क्या सोचा,
सारा ज़माना दुश्मन हो गया ।
शिकायतों का कोई अंत नहीं साहेब,
पत्थर कहते हैं कि
पानी की मार से टूट रहे हैं हम
और पानी को शिकायत है कि
पत्थर हमें खुलकर बहने भी नहीं देते ।
मसल दो शिकायत दिल ही दिल में
कुछ हासिल नहीं होता सही या गलत में ।
यदि आपको किसी एक से शिकायत है;
तो उस से बात कीजिये,
यदि आपको अधिकतर लोगों से शिकायत है;
तो खुद से बात कीजिये ।
शिकवे तो सभी को हैं
जिन्दगी से साहब,
पर जो मौज से जीना जानते हैं
वो शिकायत नहीं करते ।
जो दिल में शिकवे कम
और जुबान पर शिकायतें कम रखते हैं,
वही लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं।
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अब शिकायतें तुम से नहीं
मुझे खुद से हैं,
माना के सारे झूठ तेरे थें,
लेकिन उन पर यकीन तो मेरा था ।
ईश्वर से शिकायत क्यों है..?
उन्होने पेट भरने की जिम्मेदारी ली है
पेटियाँ भरने की नहीं ।
मुट्ठी भर शिकायतों से;
दरारें नहीं पड़तीं
ग़र रिश्तों की बनावट में
झूठ न हो ।
जीवन के प्रति जिस व्यक्ति के पास
सबसे कम शिकायतें हैं, वही सबसे अधिक सुखी है ।
ये न पूछना कि,
ज़िंदगी खुशी कब देती है;
क्योंकि शिकायत तो;
उन्हें भी है,
जिन्हें ज़िंदगी;
सब कुछ देती है ।
ज़िंदगी की आधी शिकायतें;
ऐसे ही दूर हो जाएँ;
अगर लोग एक दूसरे के बारे में;
बोलने की जगह;
एक दूसरे से बोलना सीख जाएँ ।
जिंदगी को लेकर
हमारी शिकायतें जितनी कम
होती जाएँगी,
हमारा जीवन उतना ही बेहतर
बनता जाएगा ।
निर्माण करने वाला
शिकायत नहीं कर सकता
और शिकायत करने वाला
कभी निर्माण नहीं कर सकता है ।
तक़दीर के लिखे पर
कभी शिकवा न कर
तू अभी इतना समझदार नहीं हुआ है कि
रब के इरादे समझ सके।
शिकायतें, दूर ले जाती हैं और
आभार पास ले आता है ।
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शिकायत तो उन्हें भी है जिन्हें ज़िंदगी सब कुछ देती है
दोस्त मिल सके कोई आप जैसा उसे ज़िंदगी से शिकायत क्या होगी
यूँ तो कुछ शिकायत नहीं है, ज़िन्दगी तुझसे
शिकायत करके समस्याओं से बचा नहीं जा सकता है
जहाँ शक शिकायत हो वहीं दूर करो