संस्कार पर सुविचार अनमोल वचन, संस्कार स्टेटस
आपके संस्कार बताते हैं कि
आपकी परवरिश कैसी है,
आपकी परवरिश बताती है कि
आपका परिवार कैसा है।
संस्कार से पूरी दुनिया जीत सकते है,
अहंकार से कुछ भी नहीं ।
अहंकार दूसरों को झुका कर खुश होता है
और संस्कार स्वयं झुककर खुश होता है ।
सोच बदली जा सकती है, पर संस्कार नहीं ।
संस्कार दिए नहीं जा सकते, केवल परिवार से सीखे जा सकते हैं ।
अहंकार में दूसरों को झुकाकर खुश होते हैं और
संस्कार में स्वयं झुककर खुश होते हैं।
बच्चों को संस्कार दिए बिना
सुविधा दिया जाना उनके पतन का
कारण बनता है ।
संपन्नता मन की ही,
अच्छी होती है, धन की नहीं क्योंकि…
धन की संपन्नता अहंकार देती है,
और…
मन की संपन्नता संस्कार देती है ।
बुढ़ापे में आपको रोटी आपकी औलाद नहीं
आपके दिए हुए संस्कार ही खिलाएंगे ।
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती
और दोस्तों से बड़ी कोई विरासत नहीं होती ।
जहाँ पेड़ और पानी एक साथ हों
वहाँ हरियाली अपने आप आ जाती है
जीवन भी यही है।
जहाँ मन की सरलता और
परिवार के संस्कार हों
जिंदगी में हरियाली आती है ।
शिक्षा कहीं से भी प्राप्त
कर सकते है
लेकिन संस्कार हमेशा घर
से मिलते हैं।
आजाद रहिए विचारों से पर
बँधे रहिए संस्कारों से ।
सब कुछ कॉपी हो सकता है
लेकिन चरित्र, व्यवहार, संस्कार और
ज्ञान नहीं ।
संस्कार पर अनमोल वचन
जो दिखता नहीं वही बुनियाद होती है
वह चाहे ईश्वर हो,
विचार हो या संस्कार हो ।
अगर इंसान शिक्षा से पहले संस्कार,
व्यापार से पहले व्यवहार,
भगवान से पहले माता-पिता को पहचान ले तो
जिन्दगी में कभी कोई कठिनाई नहीं आएगी।
अगर किसी बच्चे को उपहार (गिफ्ट)
न दिया जाये तो वह कुछ ही समय रोयेगा।
मगर संस्कार न दिए जाए तो वह
जीवन भर रोयेगा ।
शिक्षा हमें धन दौलत और प्रसिद्धि दिला सकती है
पर उन्हें संभाल कर रखना संस्कार ही सिखा सकते हैं ।
बात आदर और संस्कार की होती है,
वरना जो इंसान सुन रहा है वो सुना भी सकता है।
इंसान की बातों से,
उसके संस्कार का पता चलता है ।
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